देहरादून- उत्तराखंड के इस किसान पर बनी फिल्म की विदेशों में भी है चर्चा, मेहनत और लगन से ऐसे कमाया दुनियाभर में नाम

Pandit Vidya Dutt Sharma, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जनपद के सॉगुड़ा गांव में जन्में पंडित विद्या दत्त शर्मा की जीवन कहानी वाकई काबिले तारीफ है। 28 वर्ष की आयु में तहसीलदार के पद को छोड़कर पर्वतीय औद्योनिकी, कृषि और स्थानीय जीवन में किये गए उनके संघर्ष की कहानी हर किसी के लिए एक बड़ा उदाहरण
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देहरादून- उत्तराखंड के इस किसान पर बनी फिल्म की विदेशों में भी है चर्चा, मेहनत और लगन से ऐसे कमाया दुनियाभर में नाम

Pandit Vidya Dutt Sharma, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जनपद के सॉगुड़ा गांव में जन्में पंडित विद्या दत्त शर्मा की जीवन कहानी वाकई काबिले तारीफ है। 28 वर्ष की आयु में तहसीलदार के पद को छोड़कर पर्वतीय औद्योनिकी, कृषि और स्थानीय जीवन में किये गए उनके संघर्ष की कहानी हर किसी के लिए एक बड़ा उदाहरण है, कि अगर आपके मन में कुछ बड़ा करने की इच्छा और लगन है तो एक दिन आप जरुर कामयाब होंगे।

देहरादून- उत्तराखंड के इस किसान पर बनी फिल्म की विदेशों में भी है चर्चा, मेहनत और लगन से ऐसे कमाया दुनियाभर में नाम

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पंडित विद्यादत्त शर्मा की जीवन कहानी अब तक केवल भारत में प्रसिद्ध थी, लेकिन उनके जीवन पर बनी फिल्म “मोतीबाग” के बाद से उनकी पहचान विदेशों में भी होने लगी है। यही कारण है कि फिल्म “मोतीबाग” को ऑक्सर पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया है।

किस तरह बनाई अलग पहचान

पंडित विद्यादत्त शर्मा से अपने इलाके में जलीय आवश्यकता की प्रतिपूर्ति के लिए वर्ष 1976 में 15 फीट गहरी खाई खोदकर 15 बाइ 12 फीट के उद्यान विकसित किया। जोकि बाद में उनके पिता के नाम पर यानी मोतीबाग नाम से प्रसिद्ध होने लगा। इसके पश्चात उन्होंने बंजर और पथरीली जमीन पर कृषि कार्य प्रारम्भ किया। धीरे-धीरे उन्होंने सेब, आडू, नींबू और सगन्ध औषधि पौधों का बाग विकसित किया।

देहरादून- उत्तराखंड के इस किसान पर बनी फिल्म की विदेशों में भी है चर्चा, मेहनत और लगन से ऐसे कमाया दुनियाभर में नाम

इस बाग की आवश्यकता के लिए उन्होंने गौशाला संरक्षण और जंगल की सड़ी-गली पत्तियों से खाद बनाकर कृषि और उद्यान उत्पादों को समृद्ध किया। उनके द्वारा उत्पादित इन फलों और सब्जियों को प्रदर्शनियों में कई बार पुरस्कृत किया गया। 1975 में उन्होंने लघु उद्यम के रुप में मधुवटी की स्थापना की तथा बाद में पॉलीहाउस की तकनीक को भी अपनाया।

पंडित विद्या दत्त शर्मा के जीवन पर बनी फिल्म मोतीबाग

पंडित विद्यादत्त शर्मा के इन उपक्रमों में नेहरु युवा केन्द्र सहित कई अन्य संगठनों के प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त करने आते है। उक्त के अतिरिक्त पंडित विद्या दत्त शर्मा ने पहाड़ में चकबन्दी के क्षेत्र में भी स्वाध्याय व अनुभव पर आधारित नीति का निर्माण कर शासन को प्रस्तुत किया है। इन सब के बाद ही उनके जीवन, श्रम साधना और सरोकारों पर आधारित एक लघु फिल्म “मोतीबाग” बनाई गई।

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फिल्म को केरल में जून 2019 में आयोजित लघु फिल्म समारोह में प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। इसी लघु फिल्म को कालान्तर में ऑस्कर पुरस्कार हेतु भी नामित किया गया था। उक्त के अतिरिक्त कृषि और औघोनिकी के क्षेत्र में उनकी सेवाओं के सम्मानस्वरुप उन्हें कई अन्य जिला एवं प्रदेश स्तरीय सम्मान प्राप्त हुए है। इतना ही नहीं इन सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें डी-लीट् की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया।