देहरादून- उत्तराखंड में टीबी की मशीन अब करेगी कोरोना जांच, पढ़े क्या है सरकार का नया प्रयोग

उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते ग्राफ के बीच टेस्टिंग चुनौती बनी हुई है। चिंता की बात यह है कि प्रवासियों की आमद बढ़ने के साथ ही विभिन्न प्रयोगशालाओं में सैंपलों का बैकलॉग भी बढ़ता जा रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए जांच का दायरा और बढ़ाया जाने की जरुरत है, ऐसे में अब
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देहरादून- उत्तराखंड में टीबी की मशीन अब करेगी कोरोना जांच, पढ़े क्या है सरकार का नया प्रयोग

उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते ग्राफ के बीच टेस्टिंग चुनौती बनी हुई है। चिंता की बात यह है कि प्रवासियों की आमद बढ़ने के साथ ही विभिन्न प्रयोगशालाओं में सैंपलों का बैकलॉग भी बढ़ता जा रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए जांच का दायरा और बढ़ाया जाने की जरुरत है, ऐसे में अब प्रदेश में टीबी की मशीनों से भी कोरोना का टेस्ट होगा। इसके लिए केंद्र से पांच ट्रू-नेट मशीन मिल गई हैं। इनमें से दो मशीन हरिद्वार और एक-एक मशीन ऊधमसिंहनगर, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में स्थापित की जा रही है। आइआइपी की लैब भी जल्द ही काम करना शुरू कर देगी।

टीबी की मशीन करेगी कोरोना जांच

अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत के अनुसार ट्रू-नेट मशीन टीबी की जांच में इस्तेमाल की जाती है। कोरोना की जांच के लिए इसमें ट्रू-नेट कैट्रीज चिप लगानी पड़ती है। इसके बाद हर मशीन पर प्रतिदिन करीब 80-100 सैंपल की जांच की जा सकेगी। हरिद्वार में महिला चिकित्सालय और उप जिला चिकित्सालय रुड़की और ऊधमसिंहनगर, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ में जिला चिकित्सालय में मशीनें स्थापित की जा रही हैं। टेक्नीशियनों को प्रशिक्षण के बाद जांच शुरू कर दी जाएगी।

देहरादून- उत्तराखंड में टीबी की मशीन अब करेगी कोरोना जांच, पढ़े क्या है सरकार का नया प्रयोग

उन्होंने बताया कि यह एक बैटरी चालित उपकरण है, जिसका इस्तेमाल करने के लिए न्यूनतम प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इससे परीक्षण में भी बहुत कम समय लगता है। पंत ने बताया कि आइआइपी की लैब भी बनकर तैयार है। इसमें भी जल्द ही जांच होने लगेगी। प्रदेश में अभी हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, एम्स ऋषिकेश व दून मेडिकल कॉलेज और दून की एक निजी लैब में जांच हो रही है। प्रवासियों की आमद बढ़ी तो सैंपलिंग की रफ्तार भी बढ़ाई गई। लेकिन, जांच की क्षमता सीमित होने के कारण बैकलॉग चार हजार से ऊपर पहुंच गया है। वही अब ट्रू-नेट मशीन के शुरु हो जाने से जांच जल्द को सकेंगी।