देहरादून- उत्तराखंड में इस दिन से शुरु होगी हिम तेंदुओं की गणना, बनायें गए है ये प्रोटोकाल

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुओं की संख्या का पता लगाने को अब कसरत शुरू होने जा रही है। इसके तहत गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद वन्यजीव विहार से लेकर अस्कोट अभयारण्य तक के क्षेत्र को 80 ग्रिड में बांटा गया है, जिनमें हिम तेंदुओं के आकलन को सितंबर में प्रारंभिक सर्वे किया जाएगा।
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देहरादून- उत्तराखंड में इस दिन से शुरु होगी हिम तेंदुओं की गणना, बनायें गए है ये प्रोटोकाल

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुओं की संख्या का पता लगाने को अब कसरत शुरू होने जा रही है। इसके तहत गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद वन्यजीव विहार से लेकर अस्कोट अभयारण्य तक के क्षेत्र को 80 ग्रिड में बांटा गया है, जिनमें हिम तेंदुओं के आकलन को सितंबर में प्रारंभिक सर्वे किया जाएगा। प्रत्येक ग्रिड में 15 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र होगा।

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लगायें जाएंगे ट्रैप कैमरे

सर्वे के आधार पर हिम तेंदुआ संभावित ग्रिड में कैमरा ट्रैप लगाए जाएंगे। साथ ही प्रत्यक्ष सर्वे होगा और पगचिह्न, मल के नमूने भी लिए जाएंगे। प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की ठीकठाक संख्या में मौजूदगी है। कैमरा ट्रैप में अक्सर कैद होने वाली इनकी तस्वीरें इसकी तस्दीक करती हैं। बावजूद इसके अभी तक ये रहस्य बना है कि आखिर वास्तव में इनकी संख्या कितनी है। इस सबको देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद वन्यजीव विहार और अस्कोट अभयारण्य में चल रही सिक्योर हिमालय परियोजना में हिम तेंदुओं के आकलन को प्रोटोकाल तैयार किया गया है।

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क्या है तेंदुओं के आकलन को प्रोटोकाल

इस प्रोटोकल के तहत इस वर्ष फरवरी में इस उच्च हिमालयी क्षेत्र के 80 ग्रिड में प्रारंभिक सर्वे शुरू होना था, मगर तबमौसम इसमें बाधक बन गया। इसके बाद कोरोना संकट ने ब्रेक लगा दिया। अब जबकि अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है तो हिम तेंदुओं के आकलन को लेकर भी कसरत शुरू हो गई है। राज्य में सिक्योर हिमालय परियोजना के नोडल अधिकारी और अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक आरके मिश्र बताते हैं कि सितंबर से प्रारंभिक सर्वे प्रारंभ करने को तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मिश्र के मुताबिक 1200 वर्ग किमी में फैले 80 ग्रिड में सर्वे को इतनी ही टीमें जुटेंगी।