देहरादून- थाने में बैठकर अपराधी कर रहा वकील की पढ़ाई, पुलिस प्रशासन भी दे रहा साथ

कोरोना वायरस ने बहुत से लोगों जिंदगी में हमेशा के लिए परिवर्तन कर दिया है। जिसमें 19 वर्षिय अर्चित भी शामिल है। जानकारी के अनुसार देहरादून में मौसी के घर पर रहने वाला अर्चित पिछले कई समय से नशे का आदी बन गया था। वह स्मैक से लेकर अन्य सभी प्रकार के नशों का सेवन
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देहरादून- थाने में बैठकर अपराधी कर रहा वकील की पढ़ाई, पुलिस प्रशासन भी दे रहा साथ

कोरोना वायरस ने बहुत से लोगों जिंदगी में हमेशा के लिए परिवर्तन कर दिया है। जिसमें 19 वर्षिय अर्चित भी शामिल है। जानकारी के अनुसार देहरादून में मौसी के घर पर रहने वाला अर्चित पिछले कई समय से नशे का आदी बन गया था। वह स्मैक से लेकर अन्य सभी प्रकार के नशों का सेवन करता था। नशे के लिए पैसे न मिलने पर अर्चित ने अपनी मौसी के यहां चोरी कर दी और मौसी द्वारा मुकदमा दर्ज कराने पर अर्चित को एक साल की सजा हो गई। लेकिन जब कोरोना महामारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश  पर राज्य के करीब 700 कैदियों को परोल पर छोड़ दिया था तो उनमें से एक अर्चित भी जेल से झूट गया।

अर्चित परोल पर तो छूट गया लेकिन उसके परिजनों ने उसे घर में घुसने तक नहीं दिया क्योंकि अर्चित चोरी करने की वजह से जेल गया था। इस दौरान अर्चित बेघर हो गया। और उसने रायपुर पुलिस से मदद की गुहार लगाई। उसकी कहानी सुनकर पुलिसकर्मियों ने थाना परिसर में ही उसके रहने की व्यवस्था कर दी। अर्चित के अच्छे व्यवहार के कारण पुलिस ने उसकी बाकी कि 6 महीने की भी सजा माफ कर दी है। यानी की वह अब आजाद है। लेकिन अर्चित का रहन-सहन, खान-पान और पढ़ाई-लिखाई की पूरी व्यवस्था रायपुर पुलिस कर रही है। बदले में अर्चित पुलिस के छोटे-मोटे काम कर देता है। अर्चित का कहना कि वह पढ़ाई करके एक वकील बनना चाहता है। जिसमें पुलिस प्रशासन द्वारा उसका भरपूर साथ दिया जा रहा है।