देहरादून-शहीद मेजर ढौडियाल की अंतिम विदाई में हर आंख हुई नम, पत्नी बोली आई लव यू विभू जय हिन्द।

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क-आज देवभूमि के लाल मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान हर किसी की आंखों में आंसू थे। हर जुबा पर बस एक शब्द था बदला। बता दें कि जम्मू के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद देहरादून के मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल शहीद हो गये। आज उनका
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देहरादून-शहीद मेजर ढौडियाल की अंतिम विदाई में हर आंख हुई नम, पत्नी बोली आई लव यू विभू जय हिन्द।

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क-आज देवभूमि के लाल मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान हर किसी की आंखों में आंसू थे। हर जुबा पर बस एक शब्द था बदला। बता दें कि जम्मू के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद देहरादून के मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल शहीद हो गये। आज उनका पार्थिव शरीर उनके निवास डंगवाल मार्ग पर अंतिम दर्शन को रखा गया। इस दौरान शहीद की पत्नी निकिता, मां, दादी और बहनों का रो-रो कर बुरा हाल था। शहीद की पत्नी ने कहा जयहिंद। बोली आई लव यू विभू।साथ ही पार्थिव शरीर को सैल्‍यूट किया।

देहरादून-शहीद मेजर ढौडियाल की अंतिम विदाई में हर आंख हुई नम, पत्नी बोली आई लव यू विभू जय हिन्द।

अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब

शहीद की अंतिम यात्रा मेें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व विधानसभा अद्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल समेत कई मंत्री, विधायक, सेना व शासन प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद हैं। सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी जा रही है।। लोग भारत माता की जयए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैैं । शहीद विभूति अमर रहे के नारे भी लग रहे। शहीद की अंतिम यात्रा हरिद्वार के लिए प्रस्थान कर चुकी है। बता दें कि मेजर विभूति ढौंडियाल का परिवार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के बैजरों के पास ढौंड गांव का रहने वाला है। विभूति के दादा केएन ढौंडियाल 1952 में दून आकर बस गए थे। विभूति के पिता और दादा दोनों ही राजपुर रोड स्थित एयरफोर्स के सीडीए कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे।

देहरादून-शहीद मेजर ढौडियाल की अंतिम विदाई में हर आंख हुई नम, पत्नी बोली आई लव यू विभू जय हिन्द।

रास्ते में मिली पति के शहादत की खबर

शहीद मेजर की पत्नी निकिता कौल ढौंडियाल सप्ताहांत पर ससुराल आती थीं। सोमवार सुबह भी वह ट्रेन से वापस ड्यूटी पर लौट रही थीं। ट्रेन मुजफ्फरनगर ही पहुंची थी कि आर्मी हेडक्वार्टर से उन्हें फोन पर यह दुखद सूचना मिली। दून इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ा रही बहन को स्कूल के ही एक कर्मचारी ने टीवी पर चल रही खबर के बारे में बताया। वह क्लास छोडक़र वापस घर पहुंचीं तो घर के बाहर काफी लोग खड़े थे। हालांकि, मां और दादी को इसकी सूचना नहीं दी गई।