देहरादून- उत्तराखंड के प्रोफेसर ने बनाया कोरोना जांचने वाला एप, बस एक स्कैन में ऐसे होगी पुष्टी

उत्तराखंड में कोरोना की पुष्टी अब पलक झपकते ही की जा सकेगी। इसके लिए अब मरीज की रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं करना होगा। दरअसल आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक प्रोफेसर कमल जैन ने कोरोना की पहचान के लिए एक खास एप तैयार किया है। यह एप किसी भी व्यक्ति के एक्स-रे
 | 
देहरादून- उत्तराखंड के प्रोफेसर ने बनाया कोरोना जांचने वाला एप, बस एक स्कैन में ऐसे होगी पुष्टी

उत्तराखंड में कोरोना की पुष्टी अब पलक झपकते ही की जा सकेगी। इसके लिए अब मरीज की रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं करना होगा। दरअसल आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक प्रोफेसर कमल जैन ने कोरोना की पहचान के लिए एक खास एप तैयार किया है। यह एप किसी भी व्यक्ति के एक्स-रे की जांच के आधार पर कुछ ही सेकेंड में कोरोना के पॉजिटिव या नेगेटिव होने की जानकारी देगा। बताया गया है कि इस तरह के सॉफ्टवेयर का चीन में प्रयोग शुरू कर दिया गया है। हालांकि भारत में यह अपनी तरह का पहला दावा है। प्रोफेसर कमल जैन इससे पहले भी एक सॉफ्टवेयर बना चुके हैं, जो कोरोना संदिग्ध या पॉजिटिव के आसपास होने पर अलर्ट कर देता है।

एप ऐसे करेगा काम

कमल के इस नये एप का प्रयोग काफी आसान है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति को कोरोना से ग्रसित होने का संदेह हो तो उसे अपनी छाती का एक्सरे कराना होगा। इसके बाद यह सॉफ्टवेयर उस एक्स-रे को स्कैन करने के बाद डीप लर्निंग करेगा और यह बताएगा कि एक्स-रे रिपोर्ट वाले व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं या नहीं। उन्होंने बताया कि देशभर में कोरोना टेस्ट की मांग बढ़ती जा रही है। ऐसे में एक्स-रे की मदद से कोरोना की जांच से काफी सहायता मिलेगी।

प्रोफेसर कमल जैन ने बताया कि एप में कोरोना पीड़ित व्यक्तियों के एक्स-रे से संबंधित डाटा को फीड किया गया है। उन्होंने बताया कि इंटरनेट पर उपलब्ध कोरोना पीड़ितों से जुड़ी एक्स रे डिटेल को सॉफ्टवेयर में अपलोड किया गया है।संदिग्ध व्यक्ति के एक्स-रे को सॉफ्टवेयर में स्कैन करने के बाद यह एक्स-रे की न केवल मैचिंग करेगा, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से ज्यादा एडवांस तकनीक डीप लर्निंग के द्वारा निष्कर्ष भी प्रस्तुत करेगा।