देहरादून- उत्तराखंड के इस जिले से है प्रसून जोशी का खास नाता, इस गीत ने दिलाया ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’

प्रसून जोशी हिन्दी कवि, लेखक, पटकथा लेखक और भारतीय सिनेमा के गीतकार हैं। वे विज्ञापन जगत की गतिविधियों से भी जुड़े हैं और अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञापन कंपनी ‘मैकऐन इरिक्सन’ में कार्यकारी अध्यक्ष हैं। फ़िल्म ‘तारे ज़मीन पर’ के गाने ‘मां…’ के लिए उन्हें ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ भी मिल चुका है। प्रसून सेंसर बोर्ड के चेयरमैन भी हैं।
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देहरादून- उत्तराखंड के इस जिले से है प्रसून जोशी का खास नाता, इस गीत ने दिलाया ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’

प्रसून जोशी हिन्दी कवि, लेखक, पटकथा लेखक और भारतीय सिनेमा के गीतकार हैं। वे विज्ञापन जगत की गतिविधियों से भी जुड़े हैं और अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञापन कंपनी ‘मैकऐन इरिक्सन’ में कार्यकारी अध्यक्ष हैं। फ़िल्म ‘तारे ज़मीन पर’ के गाने ‘मां…’ के लिए उन्हें ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ भी मिल चुका है। प्रसून सेंसर बोर्ड के चेयरमैन भी हैं।

देहरादून- उत्तराखंड के इस जिले से है प्रसून जोशी का खास नाता, इस गीत ने दिलाया ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’

अल्मोड़ा में हुआ जन्म

प्रसून का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के दन्या गाँव में 16 सितंबर 1968 को हुआ। उनके पिता का नाम देवेन्द्र कुमार जोशी और माता का नाम सुषमा जोशी है। उनका बचपन एवं उनकी प्रारम्भिक शिक्षा टिहरी, गोपेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली एवं नरेन्द्रनगर में हुई, जहां उन्होने एम.एससी और उसके बाद एम.बी.ए. की पढ़ाई पूरी की।

देहरादून- उत्तराखंड के इस जिले से है प्रसून जोशी का खास नाता, इस गीत ने दिलाया ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’

तीन पुस्तकें हुई प्रकाशित

प्रशून जोशी की तीन पुस्तकें भी प्रकाशित हुई है। बॉलीवुड की नामी फिल्में जैसे कि दिल्ली 6’, ‘तारे ज़मीन पर’, ‘रंग दे बसंती’, ‘हम तुम’ और ‘फना’ के लिए उन्होंने कई सुपरहिट गाने लिखे हैं। फ़िल्म ‘लज्जा’, ‘आंखें’, ‘क्योंकि’ में संगीत दिया है। ‘ठण्डा मतलब कोका कोला’ जैसे प्रचलित विज्ञापनों के कारण उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता भी प्राप्त हुई है।