देहरादून- पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त का था उत्तराखंड से गहरा नाता, जनता के लिए इस संस्था का किया गठन

पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और वरिष्ठ भारतीय राजनेता थे। वे उत्तर प्रदेश राज्य के पहले मुख्यमंत्री और भारत के चौथे गृहमंत्री थे। सन 1957 में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया गया। गृहमंत्री के रूप में उनका मुख्य योगदान भारत को भाषा के अनुसार राज्यों में विभक्त करना तथा हिन्दी को भारत की
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देहरादून- पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त का था उत्तराखंड से गहरा नाता, जनता के लिए इस संस्था का किया गठन

पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और वरिष्ठ भारतीय राजनेता थे। वे उत्तर प्रदेश राज्य के पहले मुख्यमंत्री और भारत के चौथे गृहमंत्री थे। सन 1957 में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया गया। गृहमंत्री के रूप में उनका मुख्य योगदान भारत को भाषा के अनुसार राज्यों में विभक्त करना तथा हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करना था। पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त का जन्म 10 सितंबर 1887 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हुआ। बचपन में ही पिता की मृत्यु हो जाने के कारण उनकी परवरिश उनके नाना ने की।

“प्रेम सभा” संस्था का किया गठन

1905 में उन्होंने अल्मोड़ा छोड़ दिया और इलाहाबाद चले गये। म्योर सेन्ट्रल कॉलेज में वे गणित, साहित्य और राजनीति विषयों के अच्छे विद्यार्थियों में सबसे तेज थे। अध्ययन के साथ-साथ वे कांग्रेस के स्वयंसेवक का कार्य भी करते थे। 1907 में बी.ए और 1909 में उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की। इसके उपलक्ष्य में उन्हें कॉलेज की ओर से “लैम्सडेन अवार्ड” दिया गया। 1910 में उन्होंने अल्मोड़ा आकर वकालत शूरू की, जिसके सिलसिले में वे पहले

देहरादून- पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त का था उत्तराखंड से गहरा नाता, जनता के लिए इस संस्था का किया गठन

रानीखेत गये फिर काशीपुर में जाकर प्रेम सभा नाम की संस्था का गठन किया। जिसका उद्देश्य शिक्षा और साहित्य के प्रति जनता में जागरुक करना था। 1921 में वे पूर्ण रुप से राजनीति में उतर गए। सरदार पटेल की मृत्यु के बाद उन्हें गृह मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख का दायित्व दिया गया। भारत के गृह मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल सन 1955 से लेकर 7 मार्च 1961 में उनकी मृत्यु होने तक रहा।