देहरादून-बूढ़े मां-बाप के सपने पूरे करने गया था दुबई, अब घर पहुंचा युवा बेटे का शव

देहरादून-नौकरी के लिए दुबई में दिवंगत युवक कमलेश भट्ट का शव रविवार को पैतृक गांव पहुंचा। शव के पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। आज परिजनों ने पूर्णानंद गंगा घाट पर शव का दाह संस्कार किया। बता दें कि विगत 17 अप्रैल को दुबई में कार्यरत ग्राम सेमवाल गांव पट्टी सकलाना तहसील
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देहरादून-बूढ़े मां-बाप के सपने पूरे करने गया था दुबई, अब घर पहुंचा युवा बेटे का शव

देहरादून-नौकरी के लिए दुबई में दिवंगत युवक कमलेश भट्ट का शव रविवार को पैतृक गांव पहुंचा। शव के पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। आज परिजनों ने पूर्णानंद गंगा घाट पर शव का दाह संस्कार किया। बता दें कि विगत 17 अप्रैल को दुबई में कार्यरत ग्राम सेमवाल गांव पट्टी सकलाना तहसील धनौल्टी जिला टिहरी निवासी 25 साल के कमलेश भट्ट की ह्दयघात से मौत हो गई थी। उनका शव 23 अप्रैल को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा था, लेकिन एयरपोर्ट से ही उनका शव वापस दुबई के लिए भेज दिया गया।

देहरादून-बूढ़े मां-बाप के सपने पूरे करने गया था दुबई, अब घर पहुंचा युवा बेटे का शव

इसके बाद दुबई में रह रहे सामाजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी खासे नाराज दिखे। उन्होंने देश के बड़े-बड़े अधिकारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से खरी-खरी सुनाई। रतूड़ी ने उनका शव दुबई में मोर्चरी में रखवा दिया था। उनकी पहल से कमलेश का शव दोबारा भारत भेजा गया, यह मामला हाईकोर्ट में चला। रविवार की रात एक बजे कमलेश भट्ट का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा। सोमवार को पूर्णानंद गंगा घाट पर शव का दाह संस्कार किया गया। उन्हें मुखाग्नि छोटे भाई राजेश भट्ट ने दी। गरीबी में 12 तक पढ़ाई करने के बाद जैसे-तैसे कमलेश नौकरी के लिए गांव से दुबई तक पहुंचा। दुबई में वह एक होटल में जॉब कर रहा था। माता-पिता ने उससे कई उम्मीदें लगाई थी। लेकिन उनका लाडला साथ छोड़ गया। बुजुर्ग पिता हरि प्रसाद भट्ट और माता प्रमिला देवी के सारे सपने चकनाचूर हो गए हैं। कमलेश की माता प्रमिला देवी भी पिछले लंबे समय से बीमार चल रही हैं। अब परिवार की जिम्मेदारी इंटर की पढ़ाई पूरी कर चुके कमलेश के छोटे भाई राजेश के कंधों पर आ गयी है।