देहरादून- अब बाहरी राज्यों के वाहनों की दून में नहीं होगी सीधी ऐंट्री, गुजरना होगा इस प्रक्रिया से

अब बाहरी राज्यों से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून आने वाले वाहनों की सीधी एंट्री नहीं हो सकेगी। उनको सरकार द्वारा शुरु किये जाने वाली एक खास प्रक्रिया से गुजरना होगा। दरअसल कोरोना संक्रमण के दूर होने के बाद दून नगर निगम क्षेत्र में प्रवेश करने पर आपको प्रवेश शुल्क देना पड़ेगा। मनाली जैसे शहरों की तर्ज
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देहरादून- अब बाहरी राज्यों के वाहनों की दून में नहीं होगी सीधी ऐंट्री, गुजरना होगा इस प्रक्रिया से

अब बाहरी राज्यों से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून आने वाले वाहनों की सीधी एंट्री नहीं हो सकेगी। उनको सरकार द्वारा शुरु किये जाने वाली एक खास प्रक्रिया से गुजरना होगा। दरअसल कोरोना संक्रमण के दूर होने के बाद दून नगर निगम क्षेत्र में प्रवेश करने पर आपको प्रवेश शुल्क देना पड़ेगा। मनाली जैसे शहरों की तर्ज पर दून नगर निगम ने शहर में प्रवेश पर बाहरी वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी कर ली है। गुरुवार को महापौर सुनील उनियाल गामा की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दे दी गई। टैक्स कितना होगा, कौन से वाहन इसके दायरे में आएंगे और किन्हें छूट रहेगी, इसका प्रारूप तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।

देहरादून- अब बाहरी राज्यों के वाहनों की दून में नहीं होगी सीधी ऐंट्री, गुजरना होगा इस प्रक्रिया से

देहरादून ऐंट्री पर देना होगा ग्रीन टैक्स

महापौर गामा ने साफ किया है कि देहरादून में पंजीकृत वाहनों को इससे छूट रहेगी। कोरोना संक्रमण के चलते ठप पड़े कार्यो को शुरू करने और नगर निगम को फिर से पटरी पर लाने के लिए कसरत शुरू हो गई है। इसी के मद्देनजर गुरुवार को महापौर ने निगम कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। बैठक में मुख्य एजेंडा निगम की आय बढ़ाने को लेकर रहा। इस दौरान महापौर ने प्रस्ताव रखा कि मनाली व कुछ अन्य शहरों में बाहरी राज्यों के वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूला जाता है। मसूरी में भी ऐसी व्यवस्था है। ऐसे में देहरादून में भी ये टैक्स लगाया जाना चाहिए।

देहरादून- अब बाहरी राज्यों के वाहनों की दून में नहीं होगी सीधी ऐंट्री, गुजरना होगा इस प्रक्रिया से

इसे पार्षदों की ओर से हरी झंडी दे दी गई। महापौर गामा ने बताया कि निगम अधिकारी इस बारे में प्रारूप तैयार करेंगे और शासन से मंजूरी के बाद नगर निगम क्षेत्र में सभी सीमाओं पर टोल-बैरियर लगाकर टैक्स की वसूली की जाएगी। बैठक में तय हुआ कि नए ग्रामीण वार्डों में सफाई की व्यवस्था प्रभावी बनाने के लिए एक जून से सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ऐसे 29 ग्रामीण वार्ड हैं, जहां मौजूदा समय में महज पांच-आठ सफाई कर्मचारी हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में शहर की तर्ज पर बस स्टैंड भी बनाए जाएंगे।