देहरादून- आय प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अब होंगे ये नियम, राजस्व प्रभारी ने जारी किये आदेश
देहरादून- न्यूज टुडे नेटवर्क: राज्य सरकार ने आय प्रमाणपत्र जारी करने के लिए मानक तय कर दिए हैं। आवेदक की ओर से आय और संपत्ति संबंधी स्वघोषणा प्रमाण पत्र के आधार पर राजस्व विभाग आय प्रमाणपत्र जारी करेगा। इसमें कृषि, असंगठित क्षेत्र की मजदूरी, पेंशन, निजी व्यवसाय से होने वाली आय का आगणन तो किया ही जाएगा, साथ में निजी व्यवसायों के भवन या दुकान किराये से अर्जित वार्षिक आय का आकलन भी आय में शामिल किया जाएगा। आय प्रमाणपत्र के लिए दिए गए स्वघोषित प्रमाणपत्र के बारे में शिकायत मिलने या संदेह होने पर राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी/लेखपाल) के स्तर से स्थलीय जांच कराई जाएगी। आय प्रमाणपत्र से असंतुष्ट आवेदक को प्रथम और द्वितीय अपील का अधिकार होगा। इस मामले में जिलाधिकारी का निर्णय अंतिम होगा।
राजस्व प्रभारी ने जारी किये आदेश
राजस्व प्रभारी सचिव सुशील कुमार ने मंगलवार को आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए मानक के संबंध में राजस्व परिषद के आयुक्त और सचिव, गढ़वाल के साथ ही कुमाऊं मंडलायुक्त और सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक परिवार के आय की गणना के लिए पति-पत्नी, अवयस्क और अविवाहित वयस्क संतानें और आश्रित माता-पिता को शामिल किया जाएगा। आश्रित की स्वयं की आय नहीं होनी चाहिए। परिवार की समस्त स्रोतों से कुल आय में परिवार के मुखिया और अन्य सदस्यों की आमदनी को जोड़ते हुए आय प्रमाणपत्र जारी होगा। 100 दिन की मजदूरी सालाना आय असंगठित क्षेत्र के मजदूर होने की दशा में आय की गणना उक्त व्यक्ति के पूरे वर्षभर 100 दिन कार्य और मजदूरी की दरों का निर्धारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत उत्तराखंड के लिए न्यूनतम मजदूरी की दर 182 रुपये प्रतिदिन या राज्य सरकार की ओर से निर्धारित की दर से सौ दिन की वार्षिक मजदूरी आगणित की जाएगी।
क्या होंगे अन्य नियम
किसान होने की दशा में उपलब्ध कृषि भूमि को प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन से गुणा कर और उसमें औसत लागत घटाने के बाद वास्तविक आधार पर आय की गणना होगी। कृषि भूमि के लिए मानकीकरण का कार्य जिलाधिकारी प्रति दो वर्ष में एक बार अवश्य करेंगे। आय का स्रोत पेंशन होने की दशा में सेवानिवृत्ति के फलस्वरूप प्राप्त होने वाली पेंशन से वार्षिक आय का आगणन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ अन्य पेंशन से वार्षिक आय का आगणन किया जाएगा। निजी व्यवसाय में डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मध्यम व बड़े व्यवसाय की दशा में उनकी ओर से व्यापार कर विभाग में दाखिल विवरणी पर वार्षिक आय का आकलन होगा। इनके आयकरदाता न होने की स्थिति में उनके स्वघोषणापत्र में दर्शाई आय के आधार पर कुल वार्षिक आय का आगणन किया जाएगा। इसके अलावा अन्य स्रोतों से आय का आगणन भी किया जाएगा।