देहरादून- तो क्या अब जमात में जाने के लिए लेनी होगी पुलिस की इजाजत?, केन्द्र सुना सकती है ये फरमान
कोरोना संक्रमण को लेकर भविष्य में बरती जाने वाली एहतियात के मद्देनजर उत्तराखंड में अब जमात में जाने के लिए पुलिस की इजाजत जरूरी हो सकती है। ऐसे में पुलिस अधिकारियों का भी मानना है कि ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, अधिकारियों की माने तो अगर केंद्र सरकार की ओर से ऐसी गाइडलाइन आती है तो उस पर अमल किया जाएगा।
दरअसल, निजामुद्दीन मरकज से सैकड़ों जमातियों के निकल कर गैर प्रान्तों में जाने की खबर से देश भर में हड़कंप मच गया था। राज्य के खुफिया तंत्र का मजबूत नेटवर्क था कि राज्य में आने वाले सभी 1436 जमातियों को चंद दिनों में ही ट्रेस कर लिया गया।
उसी समय इस बात की जरूरत महसूस की जाने लगी थी कि अगर जमात में जाने के लिए या इस तरह की गतिविधियों के लिए पहले से अनुमति का प्रावधान होता तो इतनी मशक्कत न करनी पड़ती। जानकारी मुताबिक अब ऐसी व्यवस्था बनाने पर विचार शुरू हो गया है कि जमात में जाने के लिए पुलिस या प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया जाए।
इनपर भी रहेगी नज़र
आमतौर टूरिस्ट वीजा पर दूसरे देशों से आकर लोग व्यवसायिक या धार्मिक गतिविधि में शिरकत करते हैं। विगत वर्षों में चीन के ऐसे करीब आधा दर्जन नागरिक पकड़े जा चुके हैं, जो टूरिस्ट वीजा पर आकर कंपनियों में काम कर रहे थे। निजामुद्दीन में भी कई ऐसे जमाती थे, जो टूरिस्ट वीजा पर आकर जमात में शामिल हुए थे।
पुलिस महानिदेशक अपराध और कानून व्यवस्था अशोक कुमार द्वारा की गई जानकारी अनुसार जमात ही नही हर तरह की धार्मिक और सामाजिक गतिविधि पर खुफिया तंत्र की नजर रहती है। कुछ मामलों में पुलिस की अनुमति आवश्यक होती है। इस सम्बंध में अगर सरकार कोई निर्णय लेती है तो उसके अनुसार कदम उठाए जाएंगे।