देहरादून- उत्तराखंड के महान योद्धा माधो सिंह भंडारी का यहा हुआ था जन्म, ऐसी थी वीरता की दास्तां

माधो सिंह भंडारी, जिन्हें ‘माधो सिंह मलेथा’ भी कहा जाता है, गढ़वाल के महान योद्धा, सेनापति और कुशल इंजीनियर थे जो आज से लगभग 400 साल पहले पहाड़ का सीना चीरकर नदी का पानी अपने गांव लेकर आये थे। गांव में नहर लाने के उनके प्रयास की यह कहानी भी काफी हद तक दशरथ मांझी
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देहरादून- उत्तराखंड के महान योद्धा माधो सिंह भंडारी का यहा हुआ था जन्म, ऐसी थी वीरता की दास्तां

माधो सिंह भंडारी, जिन्हें ‘माधो सिंह मलेथा’ भी कहा जाता है, गढ़वाल के महान योद्धा, सेनापति और कुशल इंजीनियर थे जो आज से लगभग 400 साल पहले पहाड़ का सीना चीरकर नदी का पानी अपने गांव लेकर आये थे। गांव में नहर लाने के उनके प्रयास की यह कहानी भी काफी हद तक दशरथ मांझी से मिलती जुलती, दशरथ मांझी ने पहाड़ काटकर रास्ता बनाया था। माधोसिंह भंडारी गढ़वाल की कथाओं का अहम अंग रहे हैं।

देहरादून- उत्तराखंड के महान योद्धा माधो सिंह भंडारी का यहा हुआ था जन्म, ऐसी थी वीरता की दास्तां

उनका जन्म सन 1595 के आसपास उत्तराखंड राज्य के टिहरी जनपद में हुआ था। माधो सिंह कम उम्र में ही श्रीनगर के शाही दरबार की सेना में भर्ती हो गये और अपनी वीरता व युद्ध कौशल से सेनाध्यक्ष के पद पर पहुंच गये। वह 1629 से 1646 तक राजा महिपात शाह की सेना के सेनाध्यक्ष थे। जहां उन्होने कई नई क्षेत्रों में राजा के राज्य को बढ़ाया और कई किले बनवाने में मदद भी की।