देहरादून- जाने सीएम त्रिवेन्द्र क्यों भेष बदलकर रहे इंस्पेक्टर के घर, कितना मुश्किल था वो दौर…

लंबे इंतजार के बाद आखिर कार राम मंदिर का शिल्यान्यास हो गया। इसी के साथ राम मंदिर आंदोलन में शिरकत करने वाले लोगों की यादें भी एक बार फिर ताजा हो गई। बुधवार को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी राम मंदिर शिल्यान्यास पर खुशी जाहिर करते हुए अपनी यादें साझा कीं। उन्होंने बताया, “89 के
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देहरादून- जाने सीएम त्रिवेन्द्र क्यों भेष बदलकर रहे इंस्पेक्टर के घर, कितना मुश्किल था वो दौर…

लंबे इंतजार के बाद आखिर कार राम मंदिर का शिल्यान्यास हो गया। इसी के साथ राम मंदिर आंदोलन में शिरकत करने वाले लोगों की यादें भी एक बार फिर ताजा हो गई। बुधवार को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी राम मंदिर शिल्यान्यास पर खुशी जाहिर करते हुए अपनी यादें साझा कीं। उन्होंने बताया, “89 के उस दौर में यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। उनके गुप्तचर, पुलिस चौबीसों घण्टे पीछे लगी रहती थी। मैं तब मेरठ में एक पुलिस इंस्पेक्टर के घर में भेष बदलकर रहता था। सीएम ने कहा कि वहीं से राममंदिर को लेकर जनजागरण का काम चलता था”।

देहरादून- जाने सीएम त्रिवेन्द्र क्यों भेष बदलकर रहे इंस्पेक्टर के घर, कितना मुश्किल था वो दौर…

ईंट के लिए घर-घर जाकर मांगते थे पैसे

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में राम मंदिर को लेकर तब जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता था। उत्तरकाशी के सुदूर क्षेत्र लिवाड़ी फीताड़ी का जिक्र करते हुए सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि तब लोग 18 किलोमीटर पैदल चलकर राम मंदिर के लिए शिलाएं दान देने आए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन दिनों वे घर-घर जाकर लोगों से सवा रुपये राम मंदिर के लिए ईंट के लिए दान मांगते थे। उस दौर में एक ईंट की कीमत सवा रुपये हुआ करती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों से रामलला बेघर थे। राम मंदिर के लिए हज़ारों लोगों ने जो बलिदान दिया था आज उन सबका सपना साकार हो रहा है।

कांग्रेस पर किया वार

सीएम ने कहा कि आने वाले समय में वह निश्चित रूप से अयोध्या जाएंगे। रामलला के दर्शन करेंगे और मंदिर के नए स्वरूप को भी देखेंगे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस विभिन्न विचारधाराओं का घालमेल है और यही कारण है कि उसकी कथनी और करनी में अंतर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को स्पष्ट करना होगा कि वह राम मंदिर के पक्ष में है या नहीं।