देहरादून- देवभूमि की इस वीर महिला योद्धा के नाम सरकार ने शुरू की योजना, गांव में आज भी दिया जाता है खास सम्मान

तीलू रौतेली एक गढ़वाली राजपूत योद्धा और लोक नायिका थीं। जिनका जन्म सत्रहवीं शताब्दी के दौरान उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ। तीलू रौतेली दुनिया की एकमात्र महिला योद्धा हैं, जिन्होंने पंद्रह साल की उम्र में सात युद्ध लड़े और 13 गढ़ों पर विजय पाई। पंद्रह साल की उम्र में, उनकी सगाई पौड़ी गढ़वाल जिले
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देहरादून- देवभूमि की इस वीर महिला योद्धा के नाम सरकार ने शुरू की योजना, गांव में आज भी दिया जाता है खास सम्मान

तीलू रौतेली एक गढ़वाली राजपूत योद्धा और लोक नायिका थीं। जिनका जन्म सत्रहवीं शताब्दी के दौरान उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ। तीलू रौतेली दुनिया की एकमात्र महिला योद्धा हैं, जिन्होंने पंद्रह साल की उम्र में सात युद्ध लड़े और 13 गढ़ों पर विजय पाई। पंद्रह साल की उम्र में, उनकी सगाई पौड़ी गढ़वाल जिले के भूप्पा सिंह नेगी के साथ हुई थी। उन दिनों, कुमाऊँ के कत्युरी योद्धा गढ़वाल साम्राज्य पर लगातार आक्रमण कर रहे थे। अपने क्षेत्रों को जीतने के बाद, उन्होंने कांडा की ओर मार्च किया। इस दौरान अपने प्राणों की आहुति देकर वह वीरगति को प्राप्त हो गई।

उत्तराखंड सरकार ने शुरू की योजना

तीलू रौतेली के संघर्षों और वीरता के किस्सों को ध्यान में रखते हुए उत्‍तराखंड सरकार ने उनके नाम पर एक योजना भी शुरू की है, जिसका नाम तीलू रौतेली पेंशन योजना है। उनकी याद में आज भी कांडा ग्राम व बीरोंखाल क्षेत्र के निवासी हर वर्ष मेला आयोजित करते हैं और ढ़ोल-दमाऊ तथा निशाण के साथ तीलू रौतेली की प्रतिमा का पूजन करते है। तीलू रौतेली की स्मृति में गढ़वाल मंडल के कई गाँव में थड्या गीत गाये जाते हैं।