देहरादून- उत्तराखंड में पांच और निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों को मिली मान्यता, काउंसिलिंग शेड्यूल में हुआ बदलाव

आयुष-यूजी में दाखिले के इच्छुक युवाओं के लिए अच्छी खबर है। राज्य के पांच और निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों को मान्यता मिल गई है। इसके अलावा उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने भी काउंसिलिंग शेड्यूल में बदलाव किया है। बता दें कि उत्तराखंड में तीन सरकारी आयुर्वेद कॉलेज हैं। जबकि 16 निजी कॉलेज हैं। जिनमें 13 आयुर्वेदिक, दो
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देहरादून- उत्तराखंड में पांच और निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों को मिली मान्यता, काउंसिलिंग शेड्यूल में हुआ बदलाव

आयुष-यूजी में दाखिले के इच्छुक युवाओं के लिए अच्छी खबर है। राज्य के पांच और निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों को मान्यता मिल गई है। इसके अलावा उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने भी काउंसिलिंग शेड्यूल में बदलाव किया है। बता दें कि उत्तराखंड में तीन सरकारी आयुर्वेद कॉलेज हैं। जबकि 16 निजी कॉलेज हैं। जिनमें 13 आयुर्वेदिक, दो होम्योपैथिक व एक यूनानी कॉलेज शामिल है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुरेश चौबे ने बताया कि निजी कॉलेजों

में उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज, दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, मदरहुड आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, शिवालिक इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंड रिसर्च और मंजीरा देवी आयुर्वेदिक कॉलेज की मान्यता आ गई है। जिसके बाद इन्हें भी द्वितीय चरण की काउंसिलिंग में शामिल कर लिया गया है। अभ्यर्थी अब 19-20 फरवरी को अपने विकल्प भर पाएंगे। जबकि सीट आवंटन 22 फरवरी को किया जाएगा। आवंटित सीट पर अभ्यर्थी 23-24 फरवरी तक दाखिला ले पाएंगे।

दो कॉलेज सशर्त काउंसिलिंग में शामिल

कुलसचिव ने बताया कि इन पांच कॉलेज के अलावा दो और कॉलेजों को द्वितीय चरण की काउंसिलिंग में सशर्त शामिल किया गया है। इनमें हरिद्वार आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज व उत्तरांचल यूनानी मेडिकल कॉलेज शामिल है। इन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश व सीसीआइएम से प्राप्त निर्देश के आधार पर काउंसिलिंग में शामिल किया गया है।

मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन ने जताई खुशी

उत्तराखंड मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. अश्वनी काम्बोज ने आयुष मंत्रलय व सीसीआइएम का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि हर साल 30 अक्टूबर तक प्रक्रिया पूरी कर ली जाती थी, पर इस बार नया सत्र मार्च-2021 से शुरू होगा। कुछ कॉलेजों की मान्यता अभी भी नहीं आई है। इनको भी जल्द ही मान्यता मिल जाएगी। आयुष मंत्रलय को पत्र भेज यह मांग की जाएगी कि रिक्त सीटों के लिए अलग से काउंसिलिंग की व्यवस्था की जाए।