देहरादून- उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा कराने के लिए शिक्षा विभाग ने केन्द्र से मांगी मदद, रखा इतना बजट
उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है, बढ़ते मामलो को देखते हुए एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग चिंतित है वही अब शिक्षा विभाग की मुश्किलें भी बढ़ती नज़र आ रही है। बता दें कि कोविड-19 के चलते जारी लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड बोर्ड परीक्षायें पूरी नहीं हो सकी सभी शिक्षा संस्थान भी लगभग दो महिने से बंद है, ऐसे में परीक्षा को लेकर छात्र अब परेशान होने लगे है। लॉकडाउन और कोरोना के बढ़ते मामलो के बीच परीक्षायें कराना शिक्षा विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। वही अब परीक्षायें कराने को लेकर विभाग ने केंद्र से मदद मांगी है।
केंद्र को भेजा परीक्षा कराने का बजट
दरअसल बचे हुए बोर्ड एग्जाम कराने के दौरान विभाग को कई बातों का ख्याल रखना होगा इसमें साफ-सफाई कैसे करवाई जाएगी, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान और स्कूल में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था मुख्य है। जिसको लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से केंद्र सरकार से कोविड-19 के मद में बजट की डिमांड की गई है, जिससे बचे हुए बोर्ड एग्जाम को सुरक्षित ढंग से संपन्न करवाया जा सके। शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम की माने तो बोर्ड एग्जाम के लिए अलग से 1 करोड़ रुपए के बजट की डिमांड केंद्र सरकार को भेजी गई है। बजट मिलते ही एग्जाम की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
स्कूल क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील, कहा होंगे एग्जाम
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद के बचे हुए एग्जाम कराने को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। 10वीं क्लास के अलग-अलग विषयों के 5 और 12वीं के 8 प्रश्नपत्र लॉकडाउन की वज़ह से नहीं हो पाए थे, जिनको अब शिक्षा विभाग को पूरा करवाना है। प्रदेश में तकरीबन एक लाख तीस हज़ार छात्र-छात्राएं इन परीक्षाओं में बैठेंगे।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडेय ने एक जुलाई तक बचे हुए एग्जाम कराने की बात कही है, लेकिन इसमें पेंच यह है कि प्रदेश में 350 से ज्यादा स्कूल क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील हैं। शिक्षा सचिव का कहना है कि उन्होंने 15 जून तक सभी स्कूलों से क्वारंटाइन सेंटर हटाने की अपेक्षा की है ताकी बचे हुए एग्जाम करवाएं जा सकें।