देहरादून-देवभूमि के इस फाउंडेशन ने सेना को दिये आठ हजार जवान, एनएसए अजीत डोभाल ने थपथपाई पीठ

देहरादून -देवभूमि में उत्तराखंड को सैनिकों की भूमि भी कहा जाता है। यहां लगभग हर घर से सेना में एक सैनिक है। विगत दिवस राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अपने आज डोभाल अपने पैतृक गांव घीड़ी रवाना हुए। जहां वे कुलदेवी बाल कुंवारी देवी की आराधना की। देश के दोबारा एनएसए बनने के बाद डोभाल
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देहरादून-देवभूमि के इस फाउंडेशन ने सेना को दिये आठ हजार जवान, एनएसए अजीत डोभाल ने थपथपाई पीठ

देहरादून -देवभूमि में उत्तराखंड को सैनिकों की भूमि भी कहा जाता है। यहां लगभग हर घर से सेना में एक सैनिक है। विगत दिवस राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अपने आज डोभाल अपने पैतृक गांव घीड़ी रवाना हुए। जहां वे कुलदेवी बाल कुंवारी देवी की आराधना की। देश के दोबारा एनएसए बनने के बाद डोभाल पहली बार पैतृक गांव आए हैं। पौड़ी पहुंचने पर अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की। पौड़ी की बनेलस्यूं पट्टी स्थित घीड़ी गांव में 20 जनवरी 1945 को जन्मे अजीत डोभाल वर्ष 1968 बैच के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।

देहरादून-देवभूमि के इस फाउंडेशन ने सेना को दिये आठ हजार जवान, एनएसए अजीत डोभाल ने थपथपाई पीठ

निशुल्क शिविर से युवाओं में जोश भर रहे कर्नल

इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने यूथ फाउंडेशन कडेट्स से मुलाकात कर यूथ कडैट्स को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान की। यूथ फाउंडेशन कडैट्स से मुलालात कर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने उत्तराखंड की युवा शक्तिको बढ़ावा देने के साथ-साथ देश के प्रति उनके जज़बे को सराहा। यूथ फाउंडेशन के कडैट्स अजीत डोभाल से मिलने के लिए काफी उत्साहित दिखे। बता दें कि कर्नल (रि.) अजय कोठियाल द्वारा संस्थापित यूथ फांउंडेशन ने जून में होने वाली गढ़वाल की सेना भर्ती के लिए गढ़वाल के विभिन्न क्षेत्रों में आठ निशुल्क कैम्प लगाए थे। दिसम्बर से शुरू हुए इन शिविरों में इस बार1143 कडैट्स ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। जिसमें से 953 ने शारीरिक दक्षता पास की, इन निशुल्क शिविरों में भर्ती हुए युवाओं को सेना से सेवानिवृत हुए उस्तादों द्वारा परीक्षित किया जाता है और सेना के तौर तरीकों से अवगत कराया गया।

देहरादून-देवभूमि के इस फाउंडेशन ने सेना को दिये आठ हजार जवान, एनएसए अजीत डोभाल ने थपथपाई पीठ

युवाओं के लिए रहना, खाना व प्रशिक्षण फ्री

यूथ फाउंडेशन सेना भर्ती रैली की शारीरिक परीक्षा पास कर चुके हर युवा के लिए लिखित परीक्षा की तैयारी हेतु एक जुलाई से निशुल्क कैम्प लगाएगी। यह कैम्प देहरादून, कोटद्धार, श्रीनगर एवं कर्णप्रयाग में लगाए जाएंगे। इन कैम्पस में हर वह युवा शिरकत कर सकता है। जिसने शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। भले ही वह युवा यूथ फाउंडेशन शारीरक कैम्प का हिस्सा नहीं रहा हो। लगभग दो महीने चलने वाले इस कैम्प में युवाओं के लिए प्रशिक्षण, भोजन व रहने की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है। आठ साल पहले कर्नल अजय कोठियाल ने 30 युवाओं को सेना में भर्ती करवाने के लिए पहला कैम्प लगाया था। आज यूथ फाउंडेशन ने सेना को 8000 से ज्यादा जवान दिये हैं। यह संस्थान उत्तराखंड में रोजगार बढ़ाने और युवाओं को तरक्की की राह दिखाने में अहम भूमिका निभा रही है। पिछले साल, देहरादून के दौरे पर आई रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने भी यूथ फाउंडेशन व इसके संस्थापक कर्नल कोठियाल के प्रयासों की सराहना की थी।