देहरादून- स्वच्छ महोत्सव में तीसरा बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट बना उत्तराखण्ड, ऐसे झटके तीन राष्ट्रीय पुरस्कार

देहरादून- स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर तीन पुरस्कार प्राप्त किए गए। राज्य द्वारा 100 से कम शहरी निकायों वाले राज्यों की श्रेणी में बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट से तीसरा स्थान प्राप्त किया। नगर पंचायत नंदप्रयाग ने देशभर की एक लाख से कम आबादी वाली निकायों में से सिटिजन फीडबैक श्रेणी में राष्ट्रीय
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देहरादून- स्वच्छ महोत्सव में तीसरा बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट बना उत्तराखण्ड, ऐसे झटके तीन राष्ट्रीय पुरस्कार

देहरादून- स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर तीन पुरस्कार प्राप्त किए गए। राज्य द्वारा 100 से कम शहरी निकायों वाले राज्यों की श्रेणी में बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट से तीसरा स्थान प्राप्त किया। नगर पंचायत नंदप्रयाग ने देशभर की एक लाख से कम आबादी वाली निकायों में से सिटिजन फीडबैक श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। छावनी क्षेत्र अल्मोड़ा द्वारा सिटिजन फीडबैक श्रेणी में तीसरे स्थान पर रह कर राज्य को तीसरा पुरस्कार दिलवाया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने ये पुरस्कार प्राप्त किये।

देहरादून- स्वच्छ महोत्सव में तीसरा बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट बना उत्तराखण्ड, ऐसे झटके तीन राष्ट्रीय पुरस्कार

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले निकायों को बधाई देते हुए कहा कि निकायों इसी मनोयोग से आगे कार्य करना होगा। स्वच्छता के क्षेत्र में अभी बहुत सुधार की गुंजाईश है। उन्होंने कहा कि राज्य के शहरों एवं निकायों की रैंकिंग में अच्छा सुधार हुआ है। इसमें और बेहतर प्रदर्शन किये जाने पर उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वच्छता के बल पर हम अनेक बीमारियों से बचाव सकते हैं।

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शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार नगरीय क्षेत्रों के लिए अत्यधिक गंभीरता से कार्य कर रही है। नगर निकायों को और भी अधिकार सम्पन्न बनाने एवं उनकी आय अर्जन के नए स्रोतों के विकास के लिए भी राज्य पर लगातार किया गया है। हमने निकायों को कहा कि स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए कार्य किए जाएं। 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत निकायों को प्रदान किए जाने वाले अनुदान को भी सबसे पहले स्वच्छता कार्यों के लिए उपलब्ध कराने को कहा था। इसका सीधा असर स्वच्छ सर्वेक्षण में हमारे प्रदर्शन पर पड़ा है।

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नगरीय स्वच्छता की अखिल भारतीय प्रतियोगिता स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के बहुप्रतीक्षित नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। इस स्वच्छ सर्वेक्षण में उत्तराखण्ड राज्य की नगरीय निकायों तथा छावनी परिषदों द्वारा विभिन्न श्रेणियों में शानदार प्रदर्शन किया गया है। आज स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के परिणामों तथा स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 का टूलकिट जारी करते हुए केन्द्रीय मंत्री, आवसन और शहरी कार्य मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी द्वारा वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पुरस्कार वितरित किए गए। वर्षभर चलने वाली इस राष्ट्रव्यापी प्रक्रिया में देशभर के 4242 नगरों एवं 62 केन्ट बोर्ड द्वारा प्रतिभाग किया गया। कोविड-19 संक्रमण के चलते एनआईसी के सहयोग से वर्चुअल प्लेटफार्म पर ऑनलाइन आयोजित किया गया।

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शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक द्वारा राज्य की निकायों को बेहतर मार्गदर्शन करने तथा स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में उत्कृष्ट कार्य करने वाली राज्य स्तरीय पीएमयू टीम को भी पुरस्कार प्रदान किया गया। अपर निदेशक शहरी विकास अशोक कुमार पाण्डे, संयुक्त निदेशक कमलेश मेहता, अधीक्षण अभियंता रवि पाण्डेय, राज्य मिशन प्रबंधक रवि शंकर बिष्ट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं आईईसी विशेषज्ञ, कमल भट्ट, एमआईएस विशेषज्ञ, राकेश कुमार, कनिष्ठ सहायक, उपेन्द्र सिंह तडिय़ाल एवं अनुज गुलाटी को यह पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष नन्द्रप्रयाग हिमानी वैष्णव, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, निदेशक शहरी विकास विनोद कुमार सुमन, जिलाधिकारी चमोली स्वाती भदौरिया, जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन भदौरिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी छावनी परिषद् अल्मोड़ा आंकाक्षा तिवारी आदि मौजूद थे।