देहरादून-एसीसी की ग्रेजुएशन सेरेमनी में देवभूमि का दबदबा, धीरज ने झटक लिए तीन पदक

Dehradun News- देवभूमि को वीरभूमि भी कहा जाता है। देशसेवा के लिए उत्तराखंड के युवा सबसे आगे माने जाते है। हर साल सैकड़ों युवा सेना का हिस्सा बनते है। सेना का हर पांचवां जवान उत्तराखंड से है। आइएमए में आयोजित एसीसी की ग्रेजुएशन सेरेमनी में भी इस समृद्ध सैन्य विरासत की झलक साफ दिखी। इस
 | 
देहरादून-एसीसी की ग्रेजुएशन सेरेमनी में देवभूमि का दबदबा, धीरज ने झटक लिए तीन पदक

Dehradun News- देवभूमि को वीरभूमि भी कहा जाता है। देशसेवा के लिए उत्तराखंड के युवा सबसे आगे माने जाते है। हर साल सैकड़ों युवा सेना का हिस्सा बनते है। सेना का हर पांचवां जवान उत्तराखंड से है। आइएमए में आयोजित एसीसी की ग्रेजुएशन सेरेमनी में भी इस समृद्ध सैन्य विरासत की झलक साफ दिखी। इस बार सैन्य अफसर बनने की तरफ कदम बढ़ाने वाले 58 युवाओं में पांच कैडेट उत्तराखंड से हैं।

देहरादून-एसीसी की ग्रेजुएशन सेरेमनी में देवभूमि का दबदबा, धीरज ने झटक लिए तीन पदक

काशीपुर निवासी धीरज गुणवंत ने छह में से तीन पदक अपने नाम किए हैं। उन्हें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ गोल्ड मेडल के साथ विज्ञान व सर्विस सब्जेक्ट में कमांडेंट सिल्वर मेडल भी मिला। धीरज अपने परिवार के पहले ऐसे व्यक्ति है जो सेना में अफसर बनने जा रहे हैं। उनके पिता देवेंद्र गुणवंत काशीपुर में ही जनरल स्टोर चलाते हैं। बड़ा भाई प्रवीण इंजीनियर है। धीरज की प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय ताड़ीखेत अल्मोड़ा से हुई। बचपन से सेना में रूचि की ललक ने वर्ष 2010 में वह एयरमैन भर्ती हो गये। जिसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत की। अगले साल वह आइएमए से अंतिम पग भर सैन्य अफसर बन जाएंगे।