देहरादून- प्रवासियों को 25 लाख का ऋण देगी सरकार, करिये इन सेक्टरों में अपना स्वरोजगार

देहरादून-कोरोनाकाल में अन्य राज्यों से प्रवासी लगातार उत्तराखंड में वापसी कर रहे है। ऐसे में इन दिनों पहाड़ों में हर घर-घर में चहल-पहल हो रही है। वही प्रवासियों ने पहाड़ पहुंचकर पुराने घरों को संवारना शुरू कर दिया है। ऐसे में अब इन प्रवासियों को रोजगार की बड़ी तलाश है। सरकार ने पहले ही साफ
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देहरादून- प्रवासियों को 25 लाख का ऋण देगी सरकार, करिये इन सेक्टरों में अपना स्वरोजगार

देहरादून-कोरोनाकाल में अन्य राज्यों से प्रवासी लगातार उत्तराखंड में वापसी कर रहे है। ऐसे में इन दिनों पहाड़ों में हर घर-घर में चहल-पहल हो रही है। वही प्रवासियों ने पहाड़ पहुंचकर पुराने घरों को संवारना शुरू कर दिया है। ऐसे में अब इन प्रवासियों को रोजगार की बड़ी तलाश है। सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह प्रवासियों को रोजगार देगी। करीब तीन लाख से ऊपर प्रवासियों ने उत्तराखंड आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। ऐसे सरकार लगातार ट्रेनों और बसों के माध्यम से प्रवासियों को उत्तराखंड वापस ला रही है। अभी तक लाखों प्रवासी वापस आ चुके है।

देहरादून- प्रवासियों को 25 लाख का ऋण देगी सरकार, करिये इन सेक्टरों में अपना स्वरोजगार
अब सरकार ने स्वरोजगार के लिए उन्हें लोन देने की बात कही है। ऐसे में जो भी प्रवासी अपना खुद का स्वरोजगार करना चाहता है। वह लोन ले सकता है। सरकार द्वारा प्रवासियों को खेतीबाड़ी और जड़ी-बूटी का उत्पादन करने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में 25 लाख और मैदानी क्षेत्रों में 15 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इससे बेरोजगार हुए प्रवासी अपना खुद का रोजगार कर सकेंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में इजाफा होगा।

देहरादून- प्रवासियों को 25 लाख का ऋण देगी सरकार, करिये इन सेक्टरों में अपना स्वरोजगार

वन पंचायत सलाहकार समिति के अध्यक्ष विरेंद्र बिष्ट ने बताया कि कोरोना के कहर से बड़ी सख्ंया में लोग मैदानी क्षेत्रों से उत्तराखंड की ओर रिवर्स पलायन कर रहे है। सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में आने वाले प्रवासियों को 25 लाख रुपये तक ऋण देगी। इस ऋण में 25 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। वही मैदानी क्षेत्र में वापस आये प्रवासियों को 15 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा। उनको 15 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। प्रवासी इस ऋण से जड़ी-बूटी, खेतीबाड़ी, डेयरी उद्योग, बकरी पालन आदि रोजगार शुरू कर सकते है। इसके लिए प्रत्येक जिले के डीएम को नियुक्त किया गया है।