Cyber Crime: साइबर क्रिमिनल्स टिक टॉक के जरिए यूजर्स को ऐसे बना रहे हैं निशाना
टिक टॉक (Tik Tok) के दिन हो जाने के बाद भी फैंस को एक बड़ा खतरा है। एक लिंक (Link) के द्वारा यूजर्स के फोन में मैलवेयर इंजेक्ट (Malware inject) किया जा रहा है। यह फर्जी लिंक का खेल व्हाट्सएप की मदद से हो रहा है। व्हाट्सएप (WhatsApp) के अलावा एसएमएस मैसेज (SMS Message) से भी यूजर्स को टिकटोक वीडियोस के फर्जी लिंक भेजे जा रहे हैं, फिलहाल भारत में यह इस कैंप सामने नहीं आया है
साइबर क्रिमिनल्स (Cyber Criminals) हाल ही में हुए टिक टॉक बैन (Tik Tok Ban) का फायदा उठाकर यूजर्स को निशाना बना रहे हैं और उन्हें एक लिंक पर क्लिक करने को कहा जा रहा है। इस लिंक के द्वारा टिक टॉक डाउनलोड (Download) करने का ऑफर दिया जा रहा है। लेकिन इस लिंक का मकसद यूजर्स के फोन में मैलवेयर पहुंचाना है। इसमें लिंक यूजर से एपीके फाइल (Apk file) डाउनलोड और इंस्टॉल करने को कहा जा रहा है और इसके बाद कैमरा से लेकर माइक तक की परमिशन (Permission) लेकर यूर्जस की जासूसी करते हैं।
भारत में टिक टॉक पूर्णतया बैन हो गया है। ऐसे में किसी भी एप या लिंक की मदद से अब टिक टॉक को एक्सेस (Access) नहीं किया जा सकता है। फोन में एक बार मैलवेयर पहुंचने के बाद पर्सनल डाटा (Personal data) चोरी किया जा सकता है। जिसकी मदद से ब्लैक मेलिंग (Black mailing) से लेकर बैंकिंग फ्रॉड (Banking fraud) तक को अंजाम दिया जा सकता है।