COVID-19: लॉकडाउन से फैक्ट्रियों में पड़ रहा कोरोना का ग्रहण

बरेली: तीन दिन का लॉकडाउन (Lockdown) होने से उद्यमी (Businessman) वैसे ही परेशान थे ऊपर से अब 21 दिन तक घर में रहने का आदेश और हो गया। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद उद्यमी परेशान हो गए हैं । वजह यह है कि उनका करोड़ों का कच्चा माल (Raw Materials) फैक्ट्री में पड़ा सड़ रहा
 | 
COVID-19: लॉकडाउन से फैक्ट्रियों में पड़ रहा कोरोना का ग्रहण

बरेली: तीन दिन का लॉकडाउन (Lockdown) होने से उद्यमी (Businessman) वैसे ही परेशान थे ऊपर से अब 21 दिन तक घर में रहने का आदेश और हो गया। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद उद्यमी परेशान हो गए हैं । वजह यह है कि उनका करोड़ों का कच्चा माल (Raw Materials) फैक्ट्री में पड़ा सड़ रहा है । अगर इस माल को सुरक्षित नहीं किया गया तो उद्यमियों को करोड़ों का नुकसान हो जाएगा।
COVID-19: लॉकडाउन से फैक्ट्रियों में पड़ रहा कोरोना का ग्रहण22 मार्च को सरकार ने जनता कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया था। यह आदेश महज एक दिन का था। लिहजा उद्यमियों ने स्वेच्छा से फैक्ट्रियां बंद कर दी। इससे पहले की जनता कर्फ्यू (Janata Curfew) पूरा हो पाता 25 मार्च तक शहर को लॉकडाउन कर दिया गया। उम्मीद थी कि इसके बाद फैक्ट्रियां (Factories) खुल जाएंगी लेकिन 24 मार्च की रात को प्रधानमंत्री ने 21 दिन के लिए देश वासियों को घर पर रहने की अपील की। इससे उद्यमी सकते में आ गए।

किसी उद्यमी की दाल तो किसी का चावल व अन्य कच्चा माल फैक्ट्री में पड़ा हुआ है। आइसक्रीम फैक्ट्री (Icecream Factories) में कुंतलों दूध व अन्य सामान रखा सड़ रहा है। कुछ ऐसा ही हाल कोल्ड डिंक (Cold Drink) की फैक्ट्रियों में है । उद्यमी अजय शुक्ला ने बताया कि कोरोना से बचने के लिए लॉक डाउन बेहद जरूरी है। लेकिन यह बात भी सही है कि उद्यमियों को करोड़ों का नुकसान होगा साथ ही उन्हें सरकार की अपील पर कर्मचारियों को बगैर काम किए तनख्वाह भी देनी होगी।