COVID-19: बरसात के मौसम में कोरोना का नया स्वरूप आया सामने, इस कारण हो रही है अधिक मौतें

कोरोना वायरस (Corona Virus) अब और भी घातक हो गया है। कोरोना अब सीधे फेफड़ों (Lungs) पर अटैक करके हीमोग्लोबिन से आयरन अलग कर देता है, जिससे फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं और मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती चली जाती है। वेंटीलेटर के सपोर्ट (Ventilator Support) के बाद भी
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COVID-19: बरसात के मौसम में कोरोना का नया स्वरूप आया सामने, इस कारण हो रही है अधिक मौतें

कोरोना वायरस (Corona Virus) अब और भी घातक हो गया है। कोरोना अब सीधे फेफड़ों (Lungs) पर अटैक करके हीमोग्लोबिन से आयरन अलग कर देता है, जिससे फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं और मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती चली जाती है। वेंटीलेटर के सपोर्ट (Ventilator Support) के बाद भी मरीज के शरीर में ऑक्सीजन नहीं पहुंचती है और मल्टी ऑर्गन फेलियर (Multi Organ Failure) से कुछ घंटों में ही मरीज की मौत हो जाती है।

COVID-19: बरसात के मौसम में कोरोना का नया स्वरूप आया सामने, इस कारण हो रही है अधिक मौतेंबरेली में कोरोना के नोडल अधिकारी आरएन सिंह की जांच में यह सामने आया है। आरएन सिंह ने अपनी रिपोर्ट शासन (Governance) को भेज दी है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित (Corona Infected) दो युवाओं की मौत हो गई थी, जबकि उन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी। अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने युवाओं की मौत पर चिंता जताते हुए नोडल अधिकारी को जांच सौंपी थी। आरएन सिंह ने युवाओं की मौत के मामले में पड़ताल की। साथ ही डॉक्टरों से बातचीत कर इलाज के दस्तावेज देखे।

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COVID-19: बरसात के मौसम में कोरोना का नया स्वरूप आया सामने, इस कारण हो रही है अधिक मौतें

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जांच में सामने आया कि 25 से 35 साल के दोनों युवाओं की मौत शरीर में ऑक्सीजन की कमी से हुई है, जबकि उनको पहले से कोई बीमारी नहीं थी। वेंटिलेटर सपोर्ट काम नहीं आया और कुछ घंटों में ही फेफड़े डैमेज (Lung damage) हो गए और निमोनिया गंभीर अवस्था में पहुंच गया। आरएन सिंह के अनुसार बरेली में कोरोना ज्यादातर मौतें ऑक्सीजन की कमी से हुई हैं। मौतों का आंकड़ा जुलाई में अधिक बढ़ गया है। बरसात के मौसम में कोरोना का संक्रमण फेफड़ों में अधिक तेजी से हो रहा है।