COVID-19: पतंजलि के बाद अब बीएचयू ने कोरोना की दवा बनाने का किया दावा, आयुष मंत्रालय ने ट्राइल को दी मंजूरी
पतंजलि (Patanjali) के बाद अब काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने कोरोना वायरस आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic Medicine) बनाने का दावा किया है। आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) ने बीएचयू के आयुर्वेदिक विभाग को इस दवा को मरीजों पर ट्रायल (Trial) करने की मंजूरी दे दी है। कोविड अस्पताल (Covid Hospital) में भर्ती युवा मरीजों पर इस आयुर्वेदिक दवा का ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल के तीन महीने बाद बीएचयू अपनी रिपोर्ट आयुर्वेदिक मंत्रालय को सौंपेगा।
आयुर्वेदिक संकाय की डीन यामिनी भूषण त्रिपाठी ने बताया कि 22 मार्च को आयुर्वेदिक संकाय द्वारा पत्र लिखकर, आयुष मंत्रालय से 1980 में सांस रोगियों के लिए खोजी गई दवा ‘शिरीषादि कसाय’ के ट्रायल की मंजूरी मांगी गई थी। आयुष मंत्रालय ने इसके ट्रायल की अनुमति दे दी है, जल्द ही ट्रायल शुरू किया जाएगा। साथ ही आयुष मंत्रालय ने इस काम के लिए 10 लाख रुपये की राशि भी स्वीकृत की है।
उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक विभाग और बीएचयू कोविड-19 अस्पताल के ज्वाइंट वेंचर में इसका ट्रायल किया जाएगा। कोरोना में बिल्कुल वैसे ही लक्षण होते हैं जैसे कि आमतौर पर सांस के मरीजों में होते हैं। ऐसे में यह दवा उन मरीजों पर कारगर साबित हो सकती है। आयुर्वेदिक दवा ‘शिरीषादि कसाय’ में शिरीष संग वासा, मुलेठी, तेजपत्ता, कंडकारी औषधि शामिल है।