COVID-19: कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण प्रदेश में हुई वेंटिलेटर की कमी

कोरोना वायरस (Corona Virus) के बढ़ते संक्रमण (Infection) को रोकने के लिए प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं (Medical Services) बहुत ही तेजी से चल रहे हैं। हर जगह अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड (Isolation Ward) बनाए गए हैं। लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण वेंटिलेटर (Ventilator) व कई अन्य उपकरणों की कमी होने लगी है। जब
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COVID-19: कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण प्रदेश में हुई वेंटिलेटर की कमी

कोरोना वायरस (Corona Virus) के बढ़ते संक्रमण (Infection) को रोकने के लिए प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं (Medical Services) बहुत ही तेजी से चल रहे हैं। हर जगह अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड (Isolation Ward) बनाए गए हैं। लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण वेंटिलेटर (Ventilator) व कई अन्य उपकरणों की कमी होने लगी है।
COVID-19: कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण प्रदेश में हुई वेंटिलेटर की कमीजब किसी कोरोना संक्रमित (Corona Infected) व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो जाती है। तो उसे वेंटिलेटर की जरूरत होती है क्योंकि संक्रमण की वजह से मरीज के फेफड़े काम कर नहीं पाते हैं। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में गिनती के ही वेंटिलेटर है। मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण वेंटिलेटर कम पड़ रहे है। लेकिन प्रदेश सरकार (State Government) वेंटिलेटर की कमी को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) पोर्टेबल वेंटिलेटर अन्य जरूरी उपकरणों की तकनीक विकसित करने पर काम शुरू कर चुका है। साथ ही नोएडा की कंपनी भी पोर्टेबल डिजाइन वेंटिलेटर बना रही है और आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) ने भी वेंटीलेटर बनाया है।

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