कोरोना का कालखंड बेहद चुनौतीपूर्ण रहा  पर अपने साथ अवसर भी लाया : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि हमारे देश में माओवाद, नक्सलवाद एक समय में बहुत बड़ी समस्या थी। देश के सैकड़ों जिले इससे प्रभावित थे। हमारे सुरक्षा बलों का शौर्य आगे आया तो देश में अब नक्सलवाद सिमट कर रह गया है। प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को दिल्ली के करिअप्पा ग्राउंड में
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कोरोना का कालखंड बेहद चुनौतीपूर्ण रहा  पर अपने साथ अवसर भी लाया : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि हमारे देश में माओवाद, नक्सलवाद एक समय में बहुत बड़ी समस्या थी। देश के सैकड़ों जिले इससे प्रभावित थे। हमारे सुरक्षा बलों का शौर्य आगे आया तो देश में अब नक्सलवाद सिमट कर रह गया है।

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को दिल्ली के करिअप्पा ग्राउंड में नेशनल कैडेट कार्स को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एनसीसी कैडेट्स ने पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया। कैडेट्स को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना कालखंड में लाखों कैडेट्स ने प्रशासन और समाज के साथ मिलकर इस तरह काम किया वह प्रशंसा के पात्र हैं। कहा कि जब सामान्य नागरिक कर्तव्यों को बल देते हैं तब बड़ी से बड़ी चुनौतियों को भी हल किया जा सकता है मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम यहां हो रहा है वह फील्ड मार्शल करिअप्पा जी के नाम पर है उनका जीवन प्रेरणा से भरा है।

उनके नेतृत्व में वर्ष 1947 में भारत को पाकिस्तान पर विजय मिली। आज मैं उनको नमन करता हूं। राष्ट्र की सुरक्षा में एनसीसी की भागीदारी पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना का कालखंड बेहद चुनौतीपूर्ण रहा लेकिन अपने साथ अवसर भी लाया। यह अवसर आत्मनिर्भर बनने का है। उन्होंने कहा कि साधारण से असाधारण बनने में भारत की युवा शक्ति का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि देश की सीमा और समुद्री सीमा के नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए एनसीसी की भागीदारी को भी बढ़ाया जा रहा है। 100000 एनसीसी कैडेट्स को इस काम की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें एक तिहाई महिला कैडेट्स शामिल होंगी। एनसीसी के कार्यों की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि नेशनल कैडेट कोर ने जो अपनी छवि बनाई है वह दिनों दिन और मजबूत होती जा रही है। मैं जब आपको देखता हूं तो भरोसा बढ़ता जाता है। यहां संविधान के प्रति लोगों में जागरूकता का काम चल रहा है। पर्यावरण संरक्षण का काम चल रहा है। चाहे चक्कर का समय हो तो एनसीसी के कैडेट वहां जरूर नजर आते हैं।