Consumer Protection Act: दुकानदारों की अब खैर नहीं, सरकार के इस नियम से कसेगा शिकंजा

देश में आग लगी और बेईमानी करने वालों की अब खैर नहीं है। मोदी सरकार जल्द ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 (Consumer Protection Act-2019) लागू करने वाली है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक यह अधिनियम 20 जुलाई को लागू हो सकता है। मोदी सरकार ने नया अधिनियम 1986 के
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Consumer Protection Act: दुकानदारों की अब खैर नहीं, सरकार के इस नियम से कसेगा शिकंजा

देश में आग लगी और बेईमानी करने वालों की अब खैर नहीं है। मोदी सरकार जल्द ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 (Consumer Protection Act-2019) लागू करने वाली है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक यह अधिनियम 20 जुलाई को लागू हो सकता है।
Consumer Protection Act: दुकानदारों की अब खैर नहीं, सरकार के इस नियम से कसेगा शिकंजा
मोदी सरकार ने नया अधिनियम 1986 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में कई बदलाव (amendment) के बाद तैयार किया है। हाल ही में उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था, ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के नियमों का मसौदा तैयार हो चुका है। पीएम मोदी के दिशा-निर्देश में एक ऐसा कानून बना है, जिसको लागू हो जाने के बाद अगले 50 सालों तक देश में कोई और कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।’

इस अधिनियम के अंतर्गत ऐसे होगी कार्रवाई
पहले यह अधिनियम जनवरी में लागू करना था लेकिन किसी कारण इसे मार्च में बढ़ा दिया गया। फिर मार्च से देश में कोरोना का प्रकोप शुरू हो गया और लॉकडाउन (lockdown) लगने के कारण इसे लागू नहीं किया गया था। अब इस कानून के लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता से संबंधित की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाएगी। खासकर अब ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है। नए कानून में उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर भी कार्रवाई की जाएगी।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 की महत्वपूर्ण विशेषताएं
• पीआईएल या जनहित याचिका अब कंज्यूमर फोरम में फाइल की जा सकेगी। पहले के कानून में ऐसा नहीं था।
• नए कानून में ऑनलाइन और टेलीशॉपिग कंपनियों को पहली बार शामिल किया गया है।
• खाने-पीने की चीजों में मिलावट तो कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान।
• कंज्यूमर मीडिएशन सेल का गठन। दोनों पक्ष आपसी सहमति से मीडिएशन सेल जा सकेंगे।
• कंज्यूमर फोरम में एक करोड़ रुपये तक के केस
• स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में एक करोड़ से दस करोड़ रुपये
• नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में दस करोड़ रुपये से ऊपर केसों की सुनवाई
• कैरी बैग के पैसे वसूलना कानूनन गलत
• सिनेमा हॉल में खाने-पीने की वस्तुओं पर ज्यादा पैसे लेने वालों की अगर मिलती है शिकायत तो होगी कार्रवाई
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