Bareilly-GIC में कमिश्नर व डीएम को याद आ गई अपनी STUDENT LIFE, जानिए क्या था मामला
न्यूज टुडे नेटवर्क, बरेली। वैसे तो कामकाज के बीच अफसरों को समय ही नहीं मिलता कि अतीत की बातों को याद किया जाए पर सोमवार को कुछ ऐसा हुआ कि कमिश्नर और डीएम को अपनी स्टूडेंट लाइफ याद आ गई। दोनों ही अधिकारियों ने विद्यार्थियों को प्रतियोगी तैयारी कैसे करनी है, इसके बारे में बताया। साथ ही अपनी स्टूडेंट लाइफ में कैसे उन्होंने इन परीक्षाओं की तैयारी की और आज इस मुकाम पर पहुंचने के पीछे संघर्ष की दास्तां भी साझा की।
मौका था प्रदेशभर में सोमवार से शुरू हुई अभ्युदय योजना का। जिले के जीआईसी कॉलेज में भी मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से योजना का शुभारम्भ किया। मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद व डीएम नितिश कुमार भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
सफलता के लिए स्वयं तैयारी करनी होगी
मंडलायुक्त ने कहा कि सफलता के लिए आप को स्वयं तैयारी करनी होगी। इसके किसी के भी माता-पिता जबरदस्ती नहीं करा सकते। जब तक मन से अध्ययन नहीं होगा, तब तक सफलता नहीं मिल सकती। हमेशा सफल होने की सोच रखनी होगी। उन्होंने कहा कि यह भी याद रखने की बात है कि यदि किसी के अन्दर किसी विषय को लेकर कोई कमी है तो उसको छिपायें नहीं बल्कि उस कमी को शिक्षक को बताकर उसे दूर करने के प्रयास करें।
कमिश्नर बोले-1994 में जो भी पढ़ा था वो आज भी याद
रणवीर प्रसाद ने बताया कि उन्होंने 1994 में जो पढ़ा था वह आज भी याद है। इसी तरह सभी लोग मेहनत कर अपनी तैयारी करें तो सफल अवश्य होंगे। बोले कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने कभी कोचिंग नहीं की। सिर्फ शिक्षकों के गाइडेंस से ही वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं। मंडलायुक्त ने कहा कि आज से ही क्लास अटेन्ड करें। इस प्रशिक्षण का एक या दो सप्ताह में टेस्ट भी लिया जायेगा। जिन अभ्यर्थियों में जिस विषय में कमजोरी होगी उसे दूर करने के प्रयास किए जाएंगे।
डीएम बोले-जो विषय अच्छा लगता है सिर्फ उसे ही परीक्षा के लिए चुनें
जिलाधिकारी नितीश कुमार ने कहा कि इस योजना को गाइडलाइन के अनुसार प्रशिक्षण देकर आगे बढ़ायेंगे। उन्होंने अभ्यर्थियों से कहा कि उन्हें जिस विषय की पढ़ाई अच्छी लगती है, उसी विषय को प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित करें। जरूरी नहीं है कि जो विषय पाठ्यक्रम में पढ़ा गया हो उसी का चयन किया जाए। जिस विषय में पूर्ण रूप से सक्षम महसूस करें उसी को एच्छिक विषय के रूप में चुनें।
शिक्षक से प्रश्न पूछें और घबराए नहीं
डीएम ने कहा कि जब तक अपने शिक्षकों से प्रश्न नहीं पूछेंगे तब तक आपको नहीं मालूम हो पाएगा कि प्रश्न की प्रासंगिकता क्या है। प्रश्न का उत्तर जानने के लिये शिक्षक से घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत सी किताबों को बार-बार पढ़ने की भी जरूरत नहीं है जो पढ़ें उसको मन लगाकर पढ़ें और समझें और इस योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने जीवन को सफल एवं सार्थक बनाएं।
अभ्युदय योजना का ऐसे मिलेगा लाभ
अभ्युदय योजना के अन्तर्गत अभ्यर्थियों की निःशुल्क स्तरीय कोचिंग से ऐसे छात्रों का भविष्य स्वर्णिम हो सकता है जो प्रतिभाशाली होने के बाद भी मंहगी कोचिंग में पढ़ नहीं पाते हैं और यूपीएससी , एनडीए, आईआईटी यूपीपीएससी आदि परीक्षाओं में सफल नहीं हो पाते हैं।