सीएम योगी ने 1012वीं जयंती पर किया सम्राट सुहेलदेव स्मारक का शिलान्यास, पीएम मोदी वर्चुअली रहे मौजूद

न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बसंत पंचमी पर्व मंगलवार को सम्राट सुहेलदेव की 1012वीं जयंती के मौके पर सुहलदेव स्मारक का शिलान्यास किया। 11वीं शताब्दी में सम्राट राजा सुहेलदेव बहराइच श्रावस्ती रियासत के सम्राट रहे हैं। साथ साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजधानी दिल्ली से वर्चुअल रूप से समारोह में मौजूद रहे।
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सीएम योगी ने 1012वीं जयंती पर किया सम्राट सुहेलदेव स्मारक का शिलान्यास, पीएम मोदी वर्चुअली रहे मौजूद

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने बसंत पंचमी पर्व मंगलवार को सम्राट सुहेलदेव की 1012वीं जयंती के मौके पर सुहलदेव स्‍मारक का शिलान्‍यास किया। 11वीं शताब्‍दी में सम्राट राजा सुहेलदेव बहराइच श्रावस्‍ती रियासत के सम्राट रहे हैं। साथ साथ प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी राजधानी दिल्‍ली से वर्चुअल रूप से समारोह में मौजूद रहे। सीएम योगी ने इस मौके पर कहा कि एक हजार साल बाद किसी सरकार ने राजा सुहेलदेव को याद किया है।

बसंत पंचमी के मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार महाराज सुहेलदेव की 1012वीं जयंती मना रही है। CM योगी ने कहा कि जहां कहीं भी देश के वीरों की स्मृति होगी, उनका सरकार विकास करेगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन अति महत्वपूर्ण है। आज ज्ञान की अधिष्ठात्री मां सरस्वती के जप-जप का दिन है तो वहीं आज विदेशी अक्रांता से इस धरती को सुरक्षित रखने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले धर्मरक्षक महाराजा सुहेलदेव की जयंती है।

आज से 4 साल पहले एक मेडिकल कॉलेज इस क्षेत्र की आरोग्यता के लिए दिया गया था। मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हुआ और उसका नाम भी महाराजा सुहेलदेव के नाम से रखा गया है। उसका उद्घाटन भी मोदी के हाथों होने जा रहा है। योगी ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव बालार्क ऋषि के शिष्य थे। इस क्षेत्र के राजाओं ने महाराजा सुहेलदेव के नेतृत्व में उस समय के बर्बर आक्रमणकारियों के खिलाफ युद्ध लड़ा था। उसके बाद किसी ने इस धरती पर आक्रमण करने का साहस नहीं जुटा पाया।

जिला अस्पताल का नाम बालार्क ऋषि के नाम पर रखा गया है। 4 फरवरी को देश की आजादी के लिए लड़ने वाले देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए गोरखपुर के चौरी-चौरा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एक हजार वर्ष के बाद महाराजा सुहेलदेव का स्मरण पहली बार किसी सरकार के द्वारा हुआ है। 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने डाक टिकट जारी किया था।

इससे सुहेलदेव के प्रति भारत की श्रद्धा को व्यक्त किया गया था। प्रधानमंत्री ने सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास की जो बात कही है, उस पर प्रदेश सरकार अमल कर रही है। हर तबके के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जहां कहीं भी देश के वीरों की स्मृति होगी, उनका सरकार विकास करेगी।

बता दें कि महाराजा सुहेलदेव 11वीं सदी में बहराइच-श्रावस्ती के सम्राट थे। सुहेलदेव ने महमूद गजनवी के भांजे सालार मसूद को मारा था। यह युद्ध चित्तौरा झील के तट पर लड़ा गया था। राजभर और पासी जाति के लोग उन्हें अपना वंशज मानते हैं। इन जातियों का असर पूर्वांचल की कई सीटों पर है।