LAC से वापस होंगी चीन और भारत की सेनाएं, राजनाथ बोले- हमने कुछ नहीं खोया

न्यूज टुडे नेटवर्क। भारत और चीन की सेना ने लद्दाख में LAC से हटने को तैयार हो गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि पैंगोंग के नार्थ और साउथ इलाके में डिसएंगेजमेंट का समझौता हो गया है। अभी भी कुछ मुद्दों पर बात होना बाकी है।
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LAC से वापस होंगी चीन और भारत की सेनाएं, राजनाथ बोले- हमने कुछ नहीं खोया

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। भारत और चीन की सेना ने लद्दाख में LAC से हटने को तैयार हो गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि पैंगोंग के नार्थ और साउथ इलाके में डिसएंगेजमेंट का समझौता हो गया है। अभी भी कुछ मुद्दों पर बात होना बाकी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन के साथ बातचीत में हमने कुछ नहीं खोया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने सभी चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया।

कई इलाकों को चिन्हित किया गया है, जहां हमारी सेनाएं मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि लद्दाख की ऊंची चोटियों पर भी हमारी सेना मौजूद हैं। जिन शहीदों के पराक्रम पर वहां जवान मौजूद हैं उन्हें देश याद रखेगा। रक्षा मंत्री के राज्यसभा में बयान देने के एक दिन पहले ही बुधवार को चीन की सरकार ने भी दावा किया कि लद्दाख में एलएसी पर भारत के साथ 9 महीने से चल रहा तनाव और टकराव लगभग समाप्त हो गया है।

चीन के मुताबिक बुधवार को दोनों ओर से फ्रंट लाइन पर तैनात सेनाओं की एक साथ बातचीत शुरू हो गई थी। इससे पहले चीनी मीडिया ने भी दावा किया कि पैंगोंग से लेकर दक्षिणी और उत्तरी इलाके से भारत चीन की सेनाओं ने वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि पिछले साल 20 जनवरी को सिक्किम के नाकुला में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। तब दोनों सेना के कमांडर ने प्रोटोकाल के तहत विवाद को सुलझा लिया था। इसके बाद चीन ने एलओसी पर घुसपैठ की कोशिश शुरू कर दी थी। भारतीय जवानों ने जब उन्हें रोकना चाहा तो चीनी सैनिकों ने उनसे हाथापाई की। भारतीय सेना ने इसका जवाब देते हुए चीन के सैनिकों को खदेड़ दिया।

झड़प में चीन के बीस और भारत के 4 जवान जख्मी हुए थे। इसके बाद से ही भारत और चीन के बीच तनाव की खबरें आने लगी थी। इसके बाद जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच दोबारा हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। हालांकि उसने अपने सैनिकों की मौत की बात कभी नहीं