छत्तीसगढ़ -निकाय चुनाव के चलते चार दिन पहले ही खत्म हुआ विधानसभा सत्र
रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया. अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सत्रावसान की घोषणा की। माना जा रहा है कि निकाय चुनाव की घोषणा की वजह से सभी दल ने सत्रावसान पर सहमति दी थी। इसके बाद अनिश्चितकाल के लिए सत्र स्थगित कर दिया गया। मालूम हो कि शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 6 बैठकों में तकरीबन 30 घंटों तक चर्चा हुआ। अब समय से पहले सत्र खत्म कर दिया गया है। अब फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में बजट सत्र होगा। इस दौरान बजट पर चर्चा होगी।
सत्र के आंतिम दिन अवैध शराब बिक्री के मुद्दे पर सदन में अवैध शराब बिक्री मामले में जमकर हंगामा हुआ। इस मसले पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। नारेबाजी करते हुए विपक्ष के सदस्य गर्भगृह तक पहुंच गए थे जिसकी वजह से आसंदी ने सभी को निलंबित कर दिया था। तो वहीं शिक्षकों की कमी के मुद्दे पर सत्तापक्ष के ही विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा। बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि हमारी बात सरकार में नहीं सुनी जा रही है. शिक्षकों की कमी से कई बार अवगत कराया गया है। केवल आश्वासन ही दिया जाता है. कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सिंगल प्लास्टिक यूज के लिए बनेगा कानून
सदन में सिंगल यूज प्लास्टिक का मुद्दा भी उठा। अजीत जोगी ने प्लास्टिक से नुकसान और सराकर के कदम की जानकार मांगी। विधानसभा अध्यक्ष ने प्लास्टिक के जैविक उपयोग और डिस्पोजेबल प्लान लगाने उद्योगों को आमंत्रित करने के निर्देश दिए. सरकार ने जल्द नियम कानून बनाने और उद्योग को आमंत्रित करने की जानकारी सदन में दी। किसानों के कर्जमाफी के मामले में भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्जा माफी को लेकर सदन में दोनों पक्षों के भी नोंकझोक हुई।
सरकेगुड़ा जांच रिपोर्ट पर हंगामा
सरकेगुड़ा जांच रिपोर्ट लीक होने पर कार्रवाई की मांग पर विपक्ष अड़ा रहा. इस मसले पर विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। शून्यकाल में भी सदन में सरकेगुड़ा न्याययिक जांच रिपोर्ट लीक होने का मामला विपक्ष ने उठाया। केशव चंद्रा ने पुलिस अभिरक्षा में आरोपी से मारपीट का मुद्दा उठाया. धान खरीदी से ठीक पहले पंजीयक विभाग में तबादले का भी मुद्दा सदन में उठा।