छत्तीसगढ़ के इस गांव में है भगवान राम का ननिहाल, जहां बन रहा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का भव्य मंदिर

भगवान राम का ननिहाल – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। खास बात यह है कि इसका निर्माण चंदखुरी गांव में हो रहा है। इसे माता कौशल्या का गांव माना गया है, इस तरह भगवान राम के ननिहाल में भी साल 2020 के अंत तक राम
 | 
छत्तीसगढ़ के इस गांव में है भगवान राम का ननिहाल, जहां बन रहा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का भव्य मंदिर

भगवान राम का ननिहाल – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। खास बात यह है कि इसका निर्माण चंदखुरी गांव में हो रहा है। इसे माता कौशल्या का गांव माना गया है, इस तरह भगवान राम के ननिहाल में भी साल 2020 के अंत तक राम मंदिर का काम पूरा कर लिया जाएगा। यहां पहले से ही एक छोटा राम मंदिर था, जिसे करीब 100 साल पहले दक्षिण भारतीय जमीदारों ने बनवाया था। भगवान राम की माता कौशल्या का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ था। यही नहीं राम जी ने अपने वनवास के 12 साल भी छत्तीसगढ़ में ही बिताए थे। छत्तीसगढ़, जिसे पुरातनकाल में दक्षिण कोसल के नाम से भी जाना जाता रहा है। इसी दक्षिण कोसल (छत्तीसगढ़) में है भगवान राम का ननिहाल।

छत्तीसगढ़ के इस गांव में है भगवान राम का ननिहाल, जहां बन रहा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का भव्य मंदिर

चंदखुरी गांव है माता कौशल्या की जन्मस्थली

रायपुर से 40 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव को माता कौशल्या की जन्म स्थली माना जाता है। यहां माता कौशल्या का मंदिर भी है। यही वजह कि प्रदेश के लोग भगवान राम को भांजे के रूप में पूजते हैं। माना जाता है कि भगवान राम के वनवास के 12 साल इसी प्रदेश में गुजरे थे। सरगुजा से लेकर बस्तर जिसे दण्डकारण्य कहा जाता है, वहां तक राम जी के वनवास से जुड़ी कथा और प्रमाण देखे जा सकते हैं। शबरी के झूठे बेर भी राम ने छत्तीसगढ़ में ही खाए थे। इस स्थान को लोग शिवरीनारायण के नाम से जानते हैं। वैसे भगवान राम के पुत्र लव-कुश का जन्म स्थल वाल्मिकी आश्रम भी छत्तीसगढ़ के तुरतिया पहाड़ पर मौजूद है।

छत्तीसगढ़ के इस गांव में है भगवान राम का ननिहाल, जहां बन रहा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का भव्य मंदिर

चंदखुरी है भगवान राम का ननिहाल

रामायण के बालकांड के सर्ग 13 श्लोक 26 में आरंग के चंदखुरी के बारे में जानकारी मिलती है। इलाके के राजा भानुमंत थे, जो कि भानुमति (कौशल्या ) के पिता थे। छत्तीसगढ़ का इलाका रामायण काल में दक्षिण कोसल कहलाता था। राजा दशरथ से विवाह के बाद राजकुमारी का नाम कौशल्या पड़ा। यहां मां कौशल्या का भी मंदिर है जिसमें भगवान राम मां की गोद में हैं। इस मंदिर को 8वीं शताब्दी में सोमवंशी राजाओं ने बनवाया था।