चमोली-अस्तित्व खोता जा रहा ये प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर, संस्कृति विभाग नहीं ले रहा सुध

चमोली-(विनोद पाण्डे)-थराली नगर पंचायत वार्ड नंबर दो में स्थित प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर अपने अस्तित्व को खोता जा रहा है। यहां श्रद्धालु दूर-दूर से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए आते है लेकिन मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि यह मंदिर उत्तराखंड संस्कृति विभाग के अधीन है लेकिन इसके बावजूद
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चमोली-अस्तित्व खोता जा रहा ये प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर, संस्कृति विभाग नहीं ले रहा सुध

चमोली-(विनोद पाण्डे)-थराली नगर पंचायत वार्ड नंबर दो में स्थित प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर अपने अस्तित्व को खोता जा रहा है। यहां श्रद्धालु दूर-दूर से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए आते है लेकिन मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि यह मंदिर उत्तराखंड संस्कृति विभाग के अधीन है लेकिन इसके बावजूद भी विभाग द्वारा इसकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। इससे क्षेत्रीय जनता में रोष व्याप्त है।

चमोली-अस्तित्व खोता जा रहा ये प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर, संस्कृति विभाग नहीं ले रहा सुध
क्षेत्रीय लोगों की माने तो इस मंदिर का महत्व श्री बद्रीनाथ मंदिर के बराबर है। लेकिन इसके बावजूद सरकार और संस्कृति विभाग इसकी सुद नहीं ले रहा है। दिन पर दिन मंदिर खस्ताहाल होते जा रहा है। स्थानीय इतिहासकार पंडित परेश्वर देवराडी का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण विश्वकर्मा द्वारा किया गया था।

स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य जिलों से भी श्रद्धालु यहां दर्शन को आते है। लोग जनेऊ संस्कार से लेकर कई कार्यक्रम यहां करते है। इस क्षेत्र में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर का अस्था का केन्द्र माना जाता है। लेकिन मंदिर आये दिन खस्ताहाल होते जा रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार मंदिर की जीणोद्धार करें जिससे लोगों को मंदिर का एक नया रूप देखने को मिले और मंदिर अस्तित्व भी बना रहे।