लखनऊ-आईएएस बी चंद्रकला के आवास पर सीबीआई की छापेमारी, इस घोटाले में आया नाम

लखनऊ-न्यूज टुडे नेटवर्क- आज केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने समाजवादी पार्टी सरकार में हुए खनन घोटाले में आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ स्थित आवास और हमीरपुर, कानपुर समेत प्रदेश भर में 12 ठिकानों में छापेमारी की। इस दौरान सीबीआई को भारी अनियमितताओं का पता चला है। साथ ही कई खनन ठेकेदारों और मौरंग व्यापारियों के
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लखनऊ-आईएएस बी चंद्रकला के आवास पर सीबीआई की छापेमारी, इस घोटाले में आया नाम

लखनऊ-न्यूज टुडे नेटवर्क- आज केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने समाजवादी पार्टी सरकार में हुए खनन घोटाले में आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ स्थित आवास और हमीरपुर, कानपुर समेत प्रदेश भर में 12 ठिकानों में छापेमारी की। इस दौरान सीबीआई को भारी अनियमितताओं का पता चला है। साथ ही कई खनन ठेकेदारों और मौरंग व्यापारियों के घरों पर भी छापे मारे गए हैं। छापेमारी के दौरान बी चंद्रकला अपने आवास में नहीं थीं। सीबीआइ का यह छापा इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मारा गया है। 2008 बैच की आइएएस अफसर बी चंद्रकला लखनऊ में हैवलॉक रोड पर सफयर अपार्टमेंट के फ्लैट नम्बर 101 में रहती हैं। चंद्रकला इसी वर्ष मई में अपने मूल कॉडर यानी उत्तर प्रदेश लौटी हैं।

लखनऊ-आईएएस बी चंद्रकला के आवास पर सीबीआई की छापेमारी, इस घोटाले में आया नाम

कोर्ट के आदेश के बाद हुई कार्रवाई

सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश पर सपा सरकार में हुए खनन घोटाले की जांच शुरू की थी। इस मामले में सीबीआई ने पांच एफआईआर दर्ज की थीं। इसमें मुख्य रूप से बांदा, हमीरपुर, बुलंदशहर आदि जिलों में दिए गए खनन के पट्टों की जांच की जा रही थी। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि कई जिलों में मनमाने ढंग से खनन के पट्टे दिए गए। इसमें मुख्य रूप से हमीरपुर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई। सूत्रों की माने तो यह कार्रवाई हमीरपुर में डीएम रहने के दौरान खनन घोटाले में चर्चित आईएएस बी. चंद्रकला का नाम सामने आने पर की गई है।

लखनऊ-आईएएस बी चंद्रकला के आवास पर सीबीआई की छापेमारी, इस घोटाले में आया नाम

 

अखिलेश सरकार में हमीपुर में थी डीएम

गौरतलब है कि अखिलेश यादव की सरकार में चन्द्रकला की पोस्टिंग हमीरपुर जिलाधिकारी के पद पर की गई थी। आरोप है कि इस आईएएस ने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे। इस दौरान ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था लेकिन चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी। इसके बाद वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे।