कैरियर बनाते समय इन बातों का रखेंगे ध्यान, निश्चित ही सफलता चूमेगी आपके कदम
आज मेहनत या पसीना बहाने वालों को ही बेहतर काम नहीं मिलता। करियर की दौड़ में कछुआ चाल कामयाबी की गारंटी हरगिज नहीं हो सकती है। आज तेज-तर्रार खरगोश ही सफलता का पर्याय माना जाता है। करियर बनाने के इन दस टिप्स से आप सफलता हासिल कर सकते हैं। कई अहम बातें किसी छात्र को करियर का चुनाव करते समय रखनी पड़ती है। उदाहरण के लिए उसे कौन-सा काम पसंद है, किस काम में वह अच्छा है, कमाई कितनी होगी, किस नौकरी में अवसर ज्यादा है, उसकी सामाजिक आकांक्षाएं क्या हैं, आदि। इसके अलावा, दोस्त क्या कर रहे हैं, यह भी करियर चुनते वक्त एक मनोवैज्ञानिक दबाव के रूप में कार्य करता है। परिवार वाले क्या चाहते हैं, यह भी एक महत्वपूर्ण कारक होता है। आज के युवा समाज में सकारात्मक योगदान दे पाने की संतुष्टि पाना चाहते हैं। साथ में सामाजिक प्रतिष्ठा, पहचान, रचनात्मक स्वतंत्रता, जॉब सिक्योरिटी आदि पर भी जोर देते हैं. आइए कुछ अहम पहलुओ पर डालते हैं एक नजर….
खुद में एक्सिलेंस लाएं
मौजूदा परिस्थिति में किताबी कीड़ा बनकर या डिग्रियों का ढेर लगाकर सफलता की कामना नहीं की जा सकती है। अपने अंदर झांककर अपनी प्रतिभा को टटोलें, कि किन क्षेत्रों में आप अपनी दक्षता को विकसित कर बाजी मार सकते हैं। जो क्षेत्र आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे, उसमें विशेषज्ञों की सलाह लेकर अपना कौशल बढ़ाएं।
तकनीक के साथ साथ चलें
पुराना भले ही सुहाना माना जाता हो, लेकिन आज की प्रतिस्पर्धा में नई तकनीक का महत्व नकारा नहीं जा सकता है। किसी भी क्षेत्र में प्रवेश से पहले पूछा जाता है, क्या कम्प्यूटर चलाना आता है? कम्प्यूटर के आधारभूत ज्ञान के बजाय थोड़ी ज्यादा दिलचस्पी दिखाएं क्योंकि यही वह अलादीन है, जो करियर निर्माण की हर मांग को पूरा कर सकता है।
प्रयास करना न छोड़ें
करियर के चुनाव को लेकर भ्रम की स्थिति में होना स्वाभाविक बात है. लेकिन, अपनी पढ़ाई जारी रखें, बुनियादी चीजों पर काम करते रहें. इस भ्रम की वजह से निराश होकर प्रयास करना मत छोडि़ए।
रोजगार के मौकों पर दें ध्यान
करियर का चुनाव करते वक्त उस क्षेत्र में रोजगार के मौकों को ध्यान में रखें-उसमें कितनी आमदनी हो सकती है, जॉब सिक्योरिटी कैसी है, आप उसमें कितना फिट हो पाएंगे, इस पर सोचें।
ठीक से सोचें-विचारें
बहुत सारे छात्रों को बहुत लंबे अर्से तक यही पता नहीं चल पाता कि वे किस काम को अच्छी तरह कर सकते हैं। दरअसल किसी करियर का चुनाव और उसमें सफलता छात्र की अपनी विचार-प्रक्रिया पर भी काफी हद तक निर्भर करती है. इसलिए करियर का चुनाव करने से पहले सारे पहलुओं पर सही तरीके से सोच-विचार किया जाए कि हमें क्या करना है।
नई तकनीक के उस्ताद बनें
नई तकनीक की करियर निर्माण में हमेशा मांग रहती है। इससे पहले कि कोई नई तकनीक पुरानी हो जाए आप उसके उस्ताद बन जाएं। जैसे-जैसे नई तकनीक आती जाए आप उससे तालमेल करना सीख लें। अपने ज्ञान को परिमार्जित करते रहें। भविष्य उसी का होता है, जो अपने को श्रेष्ठतम तरीके से अनुकूल रूप से ढाल लेता है।
वक्त के अनुसार खुद को बदलें
आज करियर निर्माण बाजार में उपलब्ध उपभोक्ता वस्तुओं की तरह हो गया है। प्रतिस्पर्धा के बाजार में वही वस्तु टिक सकती है, जिसमें समयानुसार ढलने की प्रवृत्ति हो। करियर के बाजार में अपना मूल्य समझें और स्वयं को बिकाऊ बनाने का प्रयास करें। ध्यान रहे ‘परिवर्तन ही संसार का नियम है।’
परिवार से मुंह न मोड़े
अकसर देखा गया है कि करियर निर्माण की चिंता में लोग घर-परिवार को भूल जाते हैं। परेशानी और तकलीफ के वक्त परिवार ही काम आता है, इसलिए परिवार को पर्याप्त समय दें। पारिवारिक आमोद-प्रमोद से करियर का संघर्ष आसान हो जाता है तथा आप तनावमुक्त होकर करियर निर्माण की राह पर अग्रसर हो सकते हैं।
दूसरों से व्यवहार करना सीखें
आपका संघर्ष, आपकी परेशानी नितांत निजी मामला है। इसका असर दूसरों के साथ अपने व्यवहार में न आने दें। जो सभी के साथ मिलकर काम करना सीख लेता है वह पीछे मुडक़र नहीं देखता क्योंकि टीमवर्क के रूप में कार्य करना ही मैनेजमेंट का मूलमंत्र है।
डींगें न हांकें, ईमानदार रहें
झूठ ज्यादा देर टिकता नहीं है। अपने बारे में सही आकलन कर वास्तविक तस्वीर पेश करें। निष्ठापूर्ण व्यवहार की सभी कद्र करते हैं। अपने काम के प्रति आपकी ईमानदारी आपको करियर निर्माण में सर्वोच्च स्थान दिला सकती है। भूलें नहीं, कार्य ही पूजा है।