हल्द्वानी - एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बने हल्द्वानी के हर्षित, जानिए कैसे भर्ती हो सकते हैं IAF में 
 

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हल्द्वानी - सही ट्रैक और लगातार परिक्षम व मेहनत की जाए तो हर सपने को पूरा किया जा सकता है। इस बात को साबित कर दिखाया है हल्द्वानी ऊंचापुल निवासी हर्षित लोहनी ने, हर्षित ने वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर पूरे शहर का नाम रोशन किया है। हल्द्वानी ऊंचापुल निवासी हर्षित लोहनी भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बन गए हैं। बता दें कि हर्षित लोहनी ने अपने पिता जगदीश चंद्र लोहनी और माता सरोज लोहनी का सिर आज गर्व से ऊंचा कर दिया है। हर्षित ने ना केवल अपने माता पिता बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम ऊंचा कर दिया है। हर्षित हमेशा से मेधावी छात्र रहे हैं। गौरतलब है कि हर्षित लोहनी के एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बनने का श्रेय माता पिता और उनके गुरुजनों जाता है। हर्षित ने भी माता पिता व गुरुओं का आभार जताया है।


(How to become a flying officer in indian air force) (IAF) - 
Indian Air Force डिफेंस एस्पिरेंट्स जो भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में फ्लाइंग ऑफिसर बनना चाहते हैं, वे एएफसीएटी, यूपीएससी एनडीए, एनसीसी और यूपीएससी सीडीएस 2022 परीक्षा के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. यहां हमने अलग अलग तरीकों को लिस्टेड किया है जिसके माध्यम से 12 वीं पास या ग्रेजुएट भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ब्रांच में अपना करियर बना सकते हैं. उम्मीदवार एक फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं और एयर मार्शल के पद तक बढ़ सकते हैं. फ्लाइंग ब्रांच से चुना गया व्यक्ति परिवार का मुखिया, यानी वायु सेना प्रमुख बन जाता है. आइए एक फ्लाइंग ऑफिसर बनने के लिए भारतीय वायु सेना में आवेदन करने के कुछ तरीकों पर नजर डालते हैं.


उम्मीदवार फ्लाइंग ब्रांच में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के लिए एएफसीएटी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. फ्लाइंग ब्रांच में शॉर्ट सर्विस कमीशन बिना किसी विस्तार के 14 साल के लिए है. ग्रेजुएट/इंजीनियर के रूप में, उम्मीदवार वायु सेना अकादमी के माध्यम से फ्लाइंग ब्रांच में प्रवेश कर सकते हैं, जहां शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को फाइटर पायलट या हेलीकॉप्टर पायलट या ट्रांसपोर्ट पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है और वे विभिन्न शांति और युद्धकालीन मिशनों का हिस्सा होते हैं. AFCAT परीक्षा पूरे भारत के सभी प्रमुख शहरों में साल में दो बार आयोजित की जाती है। 

आयु सीमा - 
20 से 24 साल (कोर् शुरू होने के समय). डीजीसीए (भारत) द्वारा जारी वैध और वर्तमान वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस रखने वाले उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा में 26 साल (कोर्स शुरू होने के समय) तक की छूट दी गई है. कैंडिडेट की नेशनलिटी इंडियन होनी चाहिए और कैंडिडेट अनमेरिड होना चाहिए. इसके लिए कोई भी महिला और पुरूष आवेदन कर सकता है. 

Educational Qualifications in Flying Officer Indian Air Force -
10+2 के लेवल पर गणित और फिजिक्स में प्रत्येक में न्यूनतम 50 फीसदी नंबर.
किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में ग्रेजुएट (तीन वर्षीय कोर्स) जिन्होंने न्यूनतम 60 फीसदी नंबर या समकक्ष या किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम 60% नंबर या समकक्ष के साथ बीई / बी टेक (चार वर्षीय कोर्स) किया हो.
किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम 60% नंबर या समकक्ष के साथ इंस्टीट्यूट इंजीनियर्स (इंडिया) या एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की एसोसिएट सदस्यता की सेक्शन ए और बी परीक्षा पास.
इनल ईयर के स्टूडेंट्स भी आवेदन करने के पात्र हैं, बशर्ते उनके पास AFSB परीक्षण के समय कोई बैकलॉग न हो और विज्ञापन में निर्धारित तारीख के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा जारी डिग्री प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें.


Salary of a Flying Officer in Indian Air Force (IAF) -
सैलरी की बात करें तो सातवें वेतन आयोग के मुताबिक फ्लाइंग ऑफिसर को  56100 रुपये महीना से लेकर  177500 रुपये महीना तक सैलरी मिलेगी.  जैसे-जैसे आप वायु सेना में रैंक और कद में बढ़ते हैं, आपकी आय और अन्य अधिकार भी आपकी बढ़ी हुई जिम्मेदारियों के अनुरूप बढ़ते हैं। 

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