BS-6 की हाहाकार:  कमर्शियल गाड़ियों पर 10 लाख तक की मार झेलेेंगी कंपनियांं

बीएस-4 वाहनों पर पाबंदी का सबसे ज्यादा असर कमर्शियल वाहनों (commercial vehicles) का उत्पादन करने वाली कंपनियों (companies) पर पड़ रहा है। इन कंपनियों और डीलरों (dealers) के पास BS-4 वाहनों का इतना ज्यादा स्टॉक (stock) है कि अगले डेढ़ महीने में भी इसे क्लियर करना नामुमकिन है। डीलरों को कमर्शियल वाहन खरीदने वालों को
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BS-6 की हाहाकार:  कमर्शियल गाड़ियों पर 10 लाख तक की मार झेलेेंगी कंपनियांं

बीएस-4 वाहनों पर पाबंदी का सबसे ज्यादा असर कमर्शियल वाहनों (commercial vehicles) का उत्पादन करने वाली कंपनियों (companies) पर पड़ रहा है।  इन कंपनियों और डीलरों  (dealers) के पास BS-4 वाहनों का इतना ज्यादा स्टॉक  (stock) है कि अगले डेढ़ महीने में भी इसे क्लियर करना नामुमकिन है। डीलरों को कमर्शियल वाहन खरीदने वालों को 10 लाख तक की छूट (discount) देकर ज्यादा से ज्यादा खरीदने को कहा जा रहा है।
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बरेली में कमर्शियल वाहन बेचने वाले डीलरों के मुताबिक शहर की सभी शोरूम  (showroom) पर इस समय 5000 से अधिक वाहनों का स्टॅाक है। जिसमें ट्रक (truck), बस  (bus), मिनी बस  (mini bus), और लोडर  (loader) शामिल हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर (automobile sector) के मुताबिक सबसे ज्यादा स्टॅाक अशोका लीलेंड (Ashoka Leyland) के शोरूम पर है। आईसर (Eicher) और टाटा  (TATA) के शोरूम पर भी काफी मात्रा में गाड़ियां मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि BS-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशनों (registrations) को 31 मार्च से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। जिसकी वजह से शोरूम के साथ-साथ कंपनियों ने भी बेचैनी का माहौल बना हुआ है।

कंपनियां यह मानकर चल रही हैं कि इतना बड़ा स्टॉक महीने भर में भी भारी छूट देने के बाद क्लियर नहीं किया जा सकता है। इसलिए डीलरों को अधिकतम छूट देकर ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां निकालने को कहा गया है। डीलरों को ग्राहकों से सीधे संपर्क करके उनको ऑफर (offer) बताने को कहा गया है। इसके साथ ही ग्राहकों को फाइनेंस (Finance) की सुविधा भी दिलाने को कहा गया है।

कमर्शियल वाहन (commercial vehicles) बनाने वाली कंपनियां अपने डिस्ट्रीब्यूटर (distributor) के साथ लगातार बैठकें कर रही हैं। जिसमें उन्हें बताया गया है कि ज्यादा स्टॉक क्लियर करने पर उन्हें आकर्षित इंसेटिव (incentive) दिया जाएगा। इसमें फैमिली के साथ विदेश जाने को भी मौका मिलेगा। इसकी वजह से कंपनियां अपने छोटे डीलरों को भी ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां बेचने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।