बड़ा सवाल : मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इतने ‘मुलायम’ क्यों ? जानिए क्या छुपा है राज
लखनऊ-न्यूज टुडे नेटवर्क : समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव की कभी प्रधानमंत्री बनने की मनोकामना थी, लेकिन अब उनकी मनोकामना नमोकामना में बदल गई है, 16वीं लोकसभा के आखिरी दिन मुलायम सिंह ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भरपूर तारीफ की और उनको फिर से प्रधानमंत्री बनने की शुभकामना भी दे दी। इस बयान के बाद सदन में बैठ खुद पीएम मोदी भी हैरान नजर आए, तो वहीं मुलायम सिंह के बगल में ही बैठी सोनिया गांधी असहज नजर आईं। …. पर सवाल तो है कि आखिर मुलायम कैसे हो गए इतने मुलायम?
सपा-बसपा के गठजोड़ से नाराज मुलायम
इसमें दो राय नहीं है कि अखिलेश द्वारा सपा अध्यक्ष की बागडोर अपने पिता से छीन लेने के बाद पिता पुत्र के संबंधों में पहले जैसी मधुरता नहीं बची है। यह भी समझा जा सकता है कि वे सपा -बसपा की मैत्री से बिलकुल भी खुश नहीं हैं,परन्तु किसी ने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस तरह से तारीफ कर देंगे एवं चुनाव बाद मोदी सरकार की सत्ता में वापसी की मन्नत भी मान लेंगे । उन्होंने पीएम मोदी को लगातार दूसरी बार केंद्र सरकार का मुखिया बनने की शुभकामनाएं ही नहीं दीं, बल्कि उन्होंने एक कदम आगे बढक़र विपक्ष को इतना बेबस बताने में संकोच नहीं किया कि सारा विपक्ष चाहकर भी इतनी सीटें नहीं ला सकता है, जितनी संख्या में भाजपा ने 16 लोकसभा के चुनावों में जीत हासिल की थी।
मुलायम ने अनुयायियों को दिया ये संदेश
मुलायम के इस कदम से अब यह निष्कर्ष भी निकाला जा सकता है कि वे अपने अनुयायियों को भी यही संदेश देना चाहते है कि आगामी लोकसभा चुनाव में वे सपा ,बसपा गठबंधन के लिए काम करने के बजाए भाजपा को जिताने के लिए काम करें। यहां आश्चर्य की बात यह भी है कि जो मुलायम कभी भाजपा को सांप्रदायिक दल कहते नहीं थकते थे वे आज भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक कैसे बन गए हैं? क्या यह मान लिया जाए कि बसपा ,सपा की मैत्री से वे इतने क्षुब्द हो गए है कि वे भाजपा एवं मोदी को खुला समर्थन देने में भी संकोच नहीं कर रहे है। यहां एक बात और ध्यान देने योग्य है कि मुलायम ने पीएम मोदी की तारिफ कर अपने छोटे भाई शिवपाल यादव की नवगठित पार्टी की चुनावी संभावनाओं की भूमिका बना दी है। अगर उनकी मंशा सचमुच यही है तो आने वाले दिनों में शिवपाल की पार्टी राजग का हिस्सा बन हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।
क्या है मुलायम की पुत्र वधू का कहना
मुलायम सिंह के ब्यान पर उनकी पुत्र वधू अपर्णा यादव ने कहा कि वो हर किसी को आशीर्वाद देते है लेकिन इसका मतलब ये नही कि आसानी से जीत मिल जाएगी वही सपा में सिर्फ आजम खान ने ही मीडिया में ब्यान दिया बाकि किसी नेता ने कोई बयानबाजी नही की।
यहां यह सवाल भी उठता है कि मुलायम क्या अब उस समाजवादी पार्टी में विभाजन चाहते है जिसे उन्होंने अपने बल पर खड़ा किया था। अपने इस कदम से मुलायम सिंह यादव ने अब एक तरह से विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहीम में लगे कुछ बड़े विपक्षी नेताओं से न केवल खुद को अलग कर लिया है, बल्कि उन्हें यह संदेश भी दे दिया है कि केंद्र में मोदी सरकार की वापसी को रोकना विपक्षी दलों के बस में नहीं है।