देहरादून- बर्फ में फिसलकर पाकिस्तान पहुंचा उत्तराखंड का लाल, सलामती की दुआं मांग रहा देश

Dehradun News-सीमा पर तैनात देवभूमि का एक लाल पाकिस्तान सीमा पर लापता हो गया है। बताया जा रहा है कि कश्मीर के गुलमर्ग में तैनात देहरादून निवासी सेना में हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी बर्फ में फिसलकर पाकिस्तान सीमा में पहुंच गए। यह खबर आने के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया। हर पल अनहोनी
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देहरादून- बर्फ में फिसलकर पाकिस्तान पहुंचा उत्तराखंड का लाल, सलामती की दुआं मांग रहा देश

Dehradun News-सीमा पर तैनात देवभूमि का एक लाल पाकिस्तान सीमा पर लापता हो गया है। बताया जा रहा है कि कश्मीर के गुलमर्ग में तैनात देहरादून निवासी सेना में हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी बर्फ में फिसलकर पाकिस्तान सीमा में पहुंच गए। यह खबर आने के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया। हर पल अनहोनी की आशंका से आंसू थम नहीं रहे हैं। भारतीय सेना लगातार हवलदार की तलाश जुटी है। जबकि परिवार चाहता है कि सरकार विंग कमांडर अभिनंदन की तरह उनके बेटे को अपने वतन वापस लाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाए।

देहरादून- बर्फ में फिसलकर पाकिस्तान पहुंचा उत्तराखंड का लाल, सलामती की दुआं मांग रहा देश

गढ़वाल राइफल के सैन्य अधिकारी लगातार हवलदार राजेंद्र सिंह की पत्नी से संपर्क कर उन्हें सूचनाएं दे रहे हैं। यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर ने ही राजेश्वरी देवी को उनके पति के लापता होने की सूचना दी। जिसके बाद परिवारी में कोहराम मच गया। नौ जनवरी की सुबह करीब 11 बजे गुलमर्ग में पाकिस्तान सीमा के पास पैदल पैट्रोलिंग के दौरान हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का बर्फ में पैर फिसल गया और वे रपटकर सीमा पार पहुंच गए। कमांडिंग ऑफिसर ने राजेश्वरी को भरोसा दिलाया है कि सेना उनके पति की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

देहरादून- बर्फ में फिसलकर पाकिस्तान पहुंचा उत्तराखंड का लाल, सलामती की दुआं मांग रहा देश

मूलरूप से देहरादून में अंबीवाला सैनिक कॉलोनी निवासी राजेंद्र सिंह नेगी ने वर्ष 2002 में 11 गढ़वाल राइफल्स ज्वॉइन की थी। वह अक्तूबर में एक माह की छुट्टी पर वह घर आये थे। नवंबर में वह ड्यूटी पर लौट गये। इन दिनों वह कश्मीर के गुलमर्ग में बर्फीले इलाके में तैनात थे। आठ जनवरी को अचानक उनकी यूनिट से पत्नी राजेश्वरी के पास फोन आया। बताया गया कि हवलदार राजेंद्र सिंह मिसिंग हैं। उनकी तलाश की जा रही है, लेकिन कहीं पता नहीं चल पा रहा है।

सेना के स्तर से कोशिश की जा रही है।अब परिवार हर पल राजेंद्र के लौटने का इंतजार कर रहा है। फोन पर बजने वाली हर घंटी राजेंद्र की खुशखबरी का अहसास तो कराती है, लेकिन मन में किसी अनहोनी की आशंका भी बनी हुई है। हवलदार राजेंद्र के भाई कुंदन का कहना है कि वह चाहते हैं कि केंद्र सरकार विंग कमांडर अभिनंदन की तरह उनके भाई को भी बचाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाए। जवान के उनके तीन बच्चे हैं।