बरेली: दो माह बाद नए साल पर भी वेतन नहीं मिला तो कोरोना योद्धा एंबुलेंस चालक ने काटी अपने हाथ की नस, जड़े कई आरोप

न्यूज टुडे नेटवर्क। एक तरफ लोग नए साल का जश्न मना रहे थे तो वहीं दूसरी ओर दो माह बाद नए साल पर भी कोरोना योद्धा एंबुलेंस चालक को वेतन नहीं मिला तो उसने अपने हाथ की नस काट ली। साथियों को पता चला तो उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बिजनौर के नगीना निवासी
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बरेली: दो माह बाद नए साल पर भी वेतन नहीं मिला तो कोरोना योद्धा एंबुलेंस चालक ने काटी अपने हाथ की नस, जड़े कई आरोप

न्यूज टुडे नेटवर्क। एक तरफ लोग नए साल का जश्‍न मना रहे थे तो वहीं दूसरी ओर दो माह बाद नए साल पर भी कोरोना योद्धा एंबुलेंस चालक को वेतन नहीं मिला तो उसने अपने हाथ की नस काट ली। साथियों को पता चला तो उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

बिजनौर के नगीना निवासी सचिन एएलएस में चालक है। फिलहाल थाना कैंट क्षेत्र के मोहनपुर में किराए पर घर लेकर रहता है। जिले में दो एएलएस हैं। गंभीर मरीजों को रेफर होने पर जिला अस्पताल से एंबुलेंस हायर सेंटर ले जाती है।

इसमें से एक एएलएस सचिन जाट चलाता है। सचिन ने बताया कि दो माह से कंपनी ने उसकी सैलरी नहीं दी है। उसने कई बार अधिकारियों से भी वेतन दिलवाने की गुहार लगाई लेकिन फायदा नहीं हुआ। सचिन को उम्मीद थी कि नए साल पर उसे सैलरी मिल जाएगी लेकिन जब नए साल पर भी सैलरी नहीं आई तो वह काफी खिन्न हो गया।

दुखी होकर अपने हाथ की नस काट ली। घटना की जानकारी साथियों को चली तो मौके पर पहुंचकर निजी अस्पताल ले गए और मरहम-पट्टी कराई। सचिन का कहना है कि नए साल पर लोग खुशियां मना रहे थे और सैलरी नहीं आने की वजह से वह मुफलिसी में रह रहा है। दुकानों पर उधार हैं लोग तकादा कर रहे थे। इसी बात से वह दुखी था और हाथ की नस काट ली।

 

 कंपनी के जिला प्रोग्राम मैनेजर भगवती ने कहा, कुछ लोगों की सैलरी किसी वजह से नहीं आई है। उनको भी शीघ्र सैलरी भेजी जा रही है।