बरेली: लड़की के पिता जेल में तो पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाया क्‍योलडि़या इंस्‍पेक्‍टर ने

न्यूज टुडे नेटवर्क, बरेली। पुलिस की रौबदार आवाज से सभी खौफ खाते हैं लेकिन इस रौबदार आवाज के पीछे एक नरम दिल भी छिपा होता है। मानवता भी होती है। इसका ताजा उदाहरण पेश किया है बरेली जिले के क्यालडि़या इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह सिरोही ने। रविवार को नारी मिशन शक्ति अभियान के तहत एसओ क्योलडि़या
 | 
बरेली: लड़की के पिता जेल में तो पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाया क्‍योलडि़या इंस्‍पेक्‍टर ने

न्‍यूज टुडे नेटवर्क, बरेली। पुलिस की रौबदार आवाज से सभी खौफ खाते हैं लेकिन इस रौबदार आवाज के पीछे एक नरम दिल भी छिपा होता है। मानवता भी होती है। इसका ताजा उदाहरण पेश किया है बरेली जिले के क्‍यालडि़या इंस्‍पेक्‍टर राजेंद्र सिंह सिरोही ने।

रविवार को नारी मिशन शक्ति अभियान के तहत एसओ क्‍योलडि़या क्षेत्र में गश्‍त पर थे। इस बीच कश्यप बस्ती में उन्‍हें एक मासूम बच्‍ची गांव में नंगे पांव घूमती दिखी। एसओ ने सुरक्षा की दुष्टि से उसे गोद में उठाया और उससे नाम पूछा तो वह पुलिस से डरकर रोने लगी।

एसओ ने उसे पुचकारते हुए चुप कराया तो उसने अपना नाम रिद्धी बताया। घर व मां-पिता के बारे में पूछा तो उसने कहा कि मेरी मां की तो मौत हो गई। पुलिस मेरे पापा को पकड़कर ले गई। इस पर एसओ की आंख भर आई। वे बच्‍ची को गोद में उठाए हुए उसके घर पहुंचे। यहां उसके दादी और बाबा मिले।

बरेली: लड़की के पिता जेल में तो पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाया क्‍योलडि़या इंस्‍पेक्‍टर ने
दादी की गोद में रिद्धी।

गरीब हैं, कैसे पढ़ाएं स्‍कूल

बच्‍ची के दादी और बाबा ने बताया कि बहू की मौत के बाद उसके घरवालों की तहरीर पर पुलिस ने उनके बेटे को ढाई साल पहले जेल भेज दिया। हम गरीब हैं। इसलिए मासूम बेटी को पढ़ा नहीं सकते। बेटे के जेल जाने के बाद पोती का भविष्‍य अंधकार में चला गया है।

एसओ उठाएंगे अंग्रेजी माध्‍यम स्‍कूल में पढ़ाई का खर्च

दादी और बाबा की बात सुनने के बाद एसओ का दिल द्रवित हो गया। उन्‍होंने पहले तो रिद्धी को नए जूते, कपड़े खरीदकर दिए। उसे मिठाई भी खिलाई। फिर उसके साथ फोटो भी खिंचवाई। साथ ही अंग्रेजी माध्‍यम स्‍कूल में पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए आश्‍वस्‍त किया। एसओ की इंसानियत देखकर गांव वाले भी भावुक हो उठे।