Bareilly-महिलाओं को सस्‍ते सेनेट्री पैड उपलब्‍ध कराकर आईटी एक्‍सपर्ट कृष्‍णा बन गईं पैडवूमैन

न्यूज टुडे नेटवर्क, बरेली। तू खुद की खोज में निकल। तू किसलिए हताश है। तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है। इस सोच के साथ बरेली की कृष्णा गंगवार गरीब महिलाओं के लिए खास बन गई हैं। महिलाओं को खास दिनों में होने वाली परेशानी ने कृष्णा को अंदर तक इतना झकझोंर
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Bareilly-महिलाओं को सस्‍ते सेनेट्री पैड उपलब्‍ध कराकर आईटी एक्‍सपर्ट कृष्‍णा बन गईं पैडवूमैन

न्‍यूज टुडे नेटवर्क, बरेली। तू खुद की खोज में निकल। तू किसलिए हताश है। तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है। इस सोच के साथ बरेली की कृष्‍णा गंगवार गरीब महिलाओं के लिए खास बन गई हैं। महिलाओं को खास दिनों में होने वाली परेशानी ने कृष्‍णा को अंदर तक इतना झकझोंर दिया कि वे मुंबई छोड़कर बरेली आ गईं। संजयनगर त्रिमूर्ति रोड पर सेनेट्री पैड की फैक्‍ट्री लगाकर बन गईं पैड वूमैन।

मूल रूप से बरेली के नवाबगंज के अल्‍हैया गांव निवासी कृष्णा बरेली की पॉश कॉलोनी राजेंद्रनगर सी ब्‍लॉक में रहती हैं। जयपुर विवि से एमएसआई आईटी की पढ़ाई करने वाली कृष्‍णा की शादी 2008 में भानू प्रताप गंगवार से हुई थी। शादी के बाद 2014 तक वे मुंबई में रहती थीं। उनके पति वहां मल्‍टीनेशनल कंपनी में प्रोजेक्‍ट मैनेजर थे।

खुद आईटी एक्‍सपर्ट कृष्‍णा के पास मुंबई में नौकरी के बहुत ऑप्‍शन थे लेकिन टीवी पर जब एक दिन वे महिलाओं को मुश्किल दिनों में होने वाली परेशानी को लेकर एक प्रोग्राम देख रही थीं। इसी प्रोग्राम ने उन्‍हें अंदर तक झकझोंर कर रख दिया।

बस उसी वक्‍त उन्‍होंने प्रण ले‍ लिया कि गरीब महिलाएं व लड़कियां जो मुश्किल दिनों में महंगे सेनेट्री पैड नहीं खरीद सकतीं, उनके लिए कुछ करना है। ताकि उन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍या का सामना न करना पड़े। यही सोच 2015 में उन्‍हें मुंबई से यहां खींच लाई और वे पति के साथ यहां शिफ्ट हो गईं। उनके पति यहां कॉन्‍ट्रेक्‍टर हैं।

Bareilly-महिलाओं को सस्‍ते सेनेट्री पैड उपलब्‍ध कराकर आईटी एक्‍सपर्ट कृष्‍णा बन गईं पैडवूमैन

संजय नगर में लगाई फैक्‍ट्री

अपनी सोच को मूर्त रूप देने के लिए उन्‍होंने संजयनगर के त्रिमूर्ति रोड पर सेनेट्री पैड की फैक्‍ट्री लगाई, नाम दिया गरिमा और शुरू कर दिया पैड निर्माण। शुरुआत में कम पैड बनाए। वर्तमान में उनकी फैक्‍ट्री में करीब 1000 सेनेट्री पैड का निर्माण हो रहा है। आज उनके गरिमा ब्रांड की बरेली ही नहीं उत्‍तर प्रदेश के कई शहरों में डिमांड है।

प्रशासन भी कर चुका तारीफ

कृष्‍णा द्वारा सस्‍ते सेनेट्री पैड महिलाओं को उपलब्‍ध कराने की जानकारी जब जिला प्रशासन के पास पहुंची तो विकास भवन बुलाया गया। कृष्‍णा की तारीफ करते हुए यहां डूडा के स्‍वयं सहायता समूहों से उनका परिचय कराया। जिसके बाद उन्‍होंने उन समूहों को अपने साथ जोड़ लिया। इसकी बदौलत आज उनका काम और आसान हो गया है। बरेली के गांवों में आज उनके ब्रांड की पहचान महिला समूहों के जरिये हो गई है। आशा कार्यकर्ता के जरिये भी जरूरतमंदों को सस्‍ते सेनेट्री पैड उपलब्‍ध हो रहे हैं।