बरेली: कारोबारी अमिता अग्रवाल कैसे बनी एक उम्मीद वाली मैडम, जानिए उनका सफरनामा

न्यूज टुडे नेटवर्क। महिलाएं परिवार का आधार होती हैं, यदि उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया जाए तो घरेलू हिंसा जैसी घटनाएं खुद कम हो जाएंगी। इसी सोच के साथ कारोबारी अनिल अग्रवाल की पत्नी अमिता अग्रवाल ने अपने लेडीज ग्रुप के साथ मिलकर सामाजिक संस्था एक उम्मीद का गठन किया। इसके तहत उन्होंने निर्धन महिलाओं व
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बरेली: कारोबारी अमिता अग्रवाल कैसे बनी एक उम्मीद वाली मैडम, जानिए उनका सफरनामा

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। महिलाएं परिवार का आधार होती हैं, यदि उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया जाए तो घरेलू हिंसा जैसी घटनाएं खुद कम हो जाएंगी। इसी सोच के साथ कारोबारी अनिल अग्रवाल की पत्‍नी अमिता अग्रवाल ने अपने लेडीज ग्रुप के साथ मिलकर सामाजिक संस्‍था एक उम्‍मीद का गठन किया। इसके तहत उन्‍होंने निर्धन महिलाओं व बेटियों को स्‍वावलंबी बनाने के लिए प्रशिक्षित ट्रेनरों के जरिये ऐसे कोर्स सिखाने शुरू किए ताकि उन्‍हें तुरंत स्‍वरोजगार मिल सके।

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समाजसेविका अमिता अग्रवाल ने न्‍यूज टुडे नेटवर्क से खास बातचीत में बताया कि उनका मायका आगरा में है। उनकी शिक्षा-दीक्षा आगरा में ही हुई है। आगरा विश्‍वविद्यालय से उन्‍होंने एमएससी एमफिल किया है। बताती हैं कि जब वह शादी के बाद बरेली आईं तो उन्‍होंने शहर में गरीब महिलाओं को परेशान देखा। रोजगार न होने से पति का कमाई में साथ नहीं दे पा रही थीं। इस कारण उनमें आए दिन झगड़े होते देखे। ऐसे में उन्‍होंने बरेली के अपने लेडीज ग्रुप से बात की। कारोबारी पति‍ को तैयार किया और एक उम्‍मीद संस्‍था बनाई।

बरेली: कारोबारी अमिता अग्रवाल कैसे बनी एक उम्मीद वाली मैडम, जानिए उनका सफरनामा

बरेली स्थित राजेंद्रनगर में स्‍मार्ट बेटी कॉलेज में प्रशिक्षण लेने वाली बेटियों के साथ अमिता अग्रवाल।

ये कोर्स कराती है संस्‍था

एक उम्‍मीद संस्‍था में ऐसे कोर्स निशुल्‍क लाए गए जिसके करने से लोग स्‍वरोजगार से तुरंत जुड़ सकें। इसके तहत ब्‍यूटीशियन, मेहंदी रचाना, कढ़ाई, सिलाई, ड्राइंग, इंग्लिश स्‍पीकिंग कोर्स शुरू किये। प्रशिक्षित ट्रेनरों को रखा। साथ ही स्‍कूल से ड्रॉप आउट बच्‍चों को निशुल्‍क शिक्षा देने की व्‍यवस्‍था भी की।

लॉक डाउन में कोई नहीं रहा खाली

एक तरफ जहां कोरोना काल के दौरान लगे लॉक डाउन में लोग रुपयों की किल्‍लत से जूझ रहे थे। उनके पास काम नहीं था तो वहीं दूसरी ओर संस्‍था से जुड़ी कोई भी महिला खाली नहीं रही। ब्‍यूटी पार्लर बंद होने के बाद महिलाओं ने संस्‍था की प्रशिक्षित ब्‍यूटीशियन को घर बुलाकर इनकी सेवाएं लीं। सिलाई सीखने वाली महिलाओं ने मास्‍क बनाकर बेचे। यहां तक कि प्रशासन को भी संस्‍था ने तीन दिन के भीतर 1500 मास्‍क बनाकर दिए।

खोले स्‍मार्ट बेटी कॉलेज

राजेंद्र नगर निवासी अमिता ने बेटियों को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए राजेंद्र नगर में बांके बिहारी मंदिर के पास व संजय नगर में सेक्रेड हार्ट स्‍कूल में स्‍मार्ट बेटी कॉलेज खोले जहां से सैकड़ों निर्धन बेटियां स्‍वरोजगार का प्रशिक्षण ले रही हैं। आगे और भी स्‍कूल खोलने की उनकी प्‍लानिंग है।

बरेली: कारोबारी अमिता अग्रवाल कैसे बनी एक उम्मीद वाली मैडम, जानिए उनका सफरनामा
राजेंद्रनगर में स्‍मार्ट बेटी कॉलेज में प्रशिक्षण लेतीं बेटियां।

ये लोग जुड़े हैं अमिता अग्रवाल के साथ

राधा सिंह, मन्‍नो विज, नीलू मेहंदीरत्‍ता, रेनू महाजन, सोनिया सेठी, इंदू सेठी, अंकिता अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, वर्षा अग्रवाल, अंबुज गुप्‍ता, निधि अग्रवाल, मधु नेमानी, डॉक्‍टर तारु शर्मा, नीलिमा गौर, तूलिका गोयल, रेनू अग्रवाल, ममता अग्रवाल, नीलम गुप्‍ता, बबिता रस्‍तोगी, अनिता गुप्‍ता, शैली अग्रवाल, कोमल कपूर, सोनल मेहरोत्रा, पारुल अग्रवाल, रुचि अग्रवाल, वैशाली अग्रवाल, मिनि चावला, रीना कौर, कुलजीत बसु, किरन ग्रोवर, मीनाक्षी मेहरोत्रा, शम्‍मी मेहरोत्रा।

जब फनसिटी की शुरुआत की

अमिता अग्रवाल ने बरेली को मनोरंजन मंच फनसिटी भी उपलब्‍ध कराया। इसके पीछे की कहानी भी बड़ी रोचक है। उन्‍होंने बताया कि शादी के बाद जब वह बरेली आईं तो उन्‍होंने पति से बरेली में कहीं घूमने की इच्‍छा जताई। पति अनिल अग्रवाल ने कहा कि यहां आगरा की तरह ताजमहल तो नहीं है जहां घूमने चला जाए। कारोबारी पत्‍नी ने इसे बिजनेस के लिहाज से देखा कि मेरे जैसी तमाम महिलाओं के सामने ये समस्‍या आती होगी। उन्‍होंने पति को फनसिटी खोलने का सुझाव दिया। कारोबारी पति को उनका सुझाव बहुत पसंद आया।

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उन्‍होंने तुरंत ही पीलीभीत बाईपास पर फनसिटी बनाने का प्रोजेक्‍ट तैयार कर लिया। बैंक में लोन के लिए आवेदन किया लेकिन बैंक ने प्रोजेक्‍ट देखकर लोन देने से मना किया लेकिन अमिता ने हार नहीं मानी। उनका प्रोजेक्‍ट देखने के बाद इन्‍वेस्‍टर आगे आए। फनसिटी में झूले लगवाए। फनसिटी ने तीन महीने के अंदर रिकॉर्ड कमाई की। तीन महीने में ही उन्‍होंने सभी इंन्‍वेस्‍टर के पैसे भी वापस कर दिए। आज फनसिटी में बरेली ही नहीं मंडल के सभी जिलों के साथ-साथ उत्‍तराखंड के विभिन्‍न जिलों से लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं।