बरेली: जिले के एक कद्दावर नेता का निधन, पढ़िए उनकी राजनीतिक पृष्टभूमि

न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली जिले के कद्दावर नेता राजुल नाथ चौबे उर्फ मुन्ना चौबे का सोमवार को एक निजी अस्पताल में हृदय गति रुकने से निधन हो गया। 66 वर्षीय मुन्ना चौबे ने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया था। राजनीति उन्हें विरासत में मिली थी। उनके पिता रामेश्वर नाथ चौबे सन्हा विधानसभा क्षेत्र
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बरेली: जिले के एक कद्दावर नेता का निधन, पढ़िए उनकी राजनीतिक पृष्टभूमि

न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली जिले के कद्दावर नेता राजुल नाथ चौबे उर्फ मुन्ना चौबे का सोमवार को एक निजी अस्पताल में हृदय गति रुकने से निधन हो गया। 66 वर्षीय मुन्ना चौबे ने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया था। राजनीति उन्हें विरासत में मिली थी। उनके पिता रामेश्वर नाथ चौबे सन्हा विधानसभा क्षेत्र से 6 बार विधायक रहे थे।

मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि के जरिए मंडल की राजनीतिक में खास पहचान रखने वाले मुन्ना चौबे अपने राजनीतिक जीवन में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और उनके पुत्र संदीप दीक्षित जैसे तमाम नेताओं के यहां आगमन पर उनकी अगवानी करते दिखाई देते रहे।

उन्होंने अपने पिता के बाद सिन्हा विधानसभा सीट (जो अब बिथरी विधानसभा है) से दो बार चुनाव लड़ा। पहली बार 2002 में कांग्रेस के टिकट व 2007 में इत्तेहाद मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के टिकट पर चुनाव लड़े। वर्ष 2008 में वह भाजपा सांसद मेनका गांधी के बरेली आगमन पर भाजपा में शामिल हुए थे तब से भाजपा में ही थे।

मुन्ना चौबे का राजनीतिक सफर 1977 में एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष बनने से शुरू हुआ। उसी दौरान बरेली कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए। वर्ष 1981 में युवक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी बने। पार्टी ने वर्ष 1985 में उन्हें युवक कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। वर्ष 1988 में हाईकमान ने उन्हें कांग्रेस का जिला अध्यक्ष बना दिया।

इसी साल वह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी जीते। 1994 में कुछ समय के लिए वह कांग्रेस (तिवारी) में भी रहे थे। चचेरे भाई शिव नाथ चौबे ने बताया कि मुन्ना चौबे की रविवार से तबीयत ठीक नहीं थी। लिहाजा उन्हें एक निजी अस्पताल में दिखाया गया। दिन में वह बिल्कुल ठीक थे। खुद कार ड्राइव करके अस्पताल गए थे। शाम को लगभग 6:00 बजे ह्रदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी मधु चौबे, बेटा शिवेंद्र नाथ चौबे और बेटी शिप्रा चौबे हैं।