Bareilly Airport : ग्राउंड जीरो से अब तक एयरपोर्ट निर्माण, GM राजीव कुलश्रेष्ठ का Interview
न्यूज टुडे नेटवर्क। झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में गाने से प्रसिद्ध नाथनगरी बरेली अब एयरपोर्ट के जरिये अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार है। पीलीभीत रोड पर 45 एकड़ में बने एयरपोर्ट को ग्राउंड जीरो से शुरू कराने में जीएम राजीव कुलश्रेष्ठ का अहम योगदान रहा है। उनकी कड़ी मेहनत के बल पर ही आज एयरपोर्ट पर उड़ान इतनी जल्दी संभव होने जा रही है।
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न्यूज टुडे नेटवर्क से उन्होंने खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि मई 2018 में बरेली एयरपोर्ट पर बतौर जीएम ज्वाइन करने के बाद उनके सामने एयरपोर्ट निर्माण में कई चुनौती भी सामने आईं। जिला प्रशासन की तरफ से एयरपोर्ट के लिए लो लैंड एरिया उपलब्ध कराया गया था। मिट्टी भरान में ही काफी वक्त निकल गया।
फिर 2018 की भारी बारिश के बाद पूरी जमीन पर ताल जैसा नजारा था। कई बार पानी को निकाला गया। फिर मिट्टी का भरान कर जमीन को लेवल तक लाए। इन सब मुसीबतों का सामना करने के बाद काफी हद तक निर्माण पूरा किया गया। फिर 2020 में कोरोना काल आ गया। हालांकि, लॉकडाउन में निर्माण कार्य जारी थे पर मैटेरियल सप्लाई की दिक्कत आड़े आई। इन सभी परेशानियों का सामना करने के बाद समय पर एयरपोर्ट निर्माण पूरा किया जा चुका है। वर्तमान में फेज वन और फेज टू का काम पूरा हो चुका है।
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बिल्डिंग में कहीं ईंट का नहीं इस्तेमाल
एयरपोर्ट की पूरी बिल्डिंग का निर्माण एमएस स्ट्रक्चर से हुआ है। बिल्डिंग निर्माण में कहीं भी ईंट व सीमेंट का प्रयोग नहीं किया गया है। एयरपोर्ट का फ्रंट एरिया भी काफी अधिक है जो देश के अन्य एयरपोर्ट से इसको अलग बना रहा है।
बरेली के झुमके का प्रदर्शन
झुमका चौराहे पर लगा बरेली का झुमका एक तरफ शोभा बढ़ा रहा है तो वहीं एयरपोर्ट के अंदर दीवारों पर झुमके को उकेरा गया है। इसकी कलाकारी एयरपोर्ट में चार चांद लगा रही है। इसके अलावा बेत की कारीगरी, जरी वर्क एवं अन्य लोकल ब्रांड भी प्रदर्शित किए गए हैं जिससे एयरपोर्ट काफी भव्य लग रहा है।
खराब मौसम का असर नहीं पड़ेगा उड़ान पर
बरेली में एयरफोर्स का बेस है। ऐसे में खराब मौसम में फ्लाइट की लैंडिंग में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां पर पहले से ही वे उपकरण मौजूद हैं जो खराब मौसम में फ्लाइट की लैंडिंग में काम आते हैं। बाकी एयरपोर्ट पर इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता है।
कई एयरपोर्ट पर कर चुके काम, मिल रहा लाभ
राजीव कुलश्रेष्ठ बरेली आने से पहले कोयम्बटूर एयरपोर्ट पर तैनात थे। इससे पहले वह लद्दाख में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। मथुरा निवासी राजीव वर्तमान में यहां कार्यरत हैं। उनका अनुभव बरेली एयरपोर्ट को मिल रहा है। बरेली में उड़ान के बाद उनका अगला लक्ष्य मुरादाबाद एयरपोर्ट का है। वहां पर भी एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा है। वहां का काम भी उनके ही दिशा-निर्देशन में चल रहा है।