बरेली: बर्ड फ्लू के कहर के बाद बकरों की आई शामत, मुर्गों को कोई पूछ भी नहीं रहा

न्यूज टुडे नेटवर्क। देशभर में फैले बर्ड के कहर के बाद बकरों की शामत आ गई है। डिमांड बढ़ने के बाद इनको खूब हलाल किया जा रहा है। वहीं, मुर्गों को कोई पूछ भी नहीं रहा। इन्हें कह सकते हैं कि जीवनदान मिल गया है। खौफ के चलते शौकीनों ने चिकन खाना कम कर दिया
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बरेली: बर्ड फ्लू के कहर के बाद बकरों की आई शामत, मुर्गों को कोई पूछ भी नहीं रहा

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। देशभर में फैले बर्ड के कहर के बाद बकरों की शामत आ गई है। डिमांड बढ़ने के बाद इनको खूब हलाल किया जा रहा है। वहीं, मुर्गों को कोई पूछ भी नहीं रहा। इन्‍हें कह सकते हैं कि जीवनदान मिल गया है। खौफ के चलते शौकीनों ने चिकन खाना कम कर दिया है। इससे मुर्गों की बिक्री घटकर सिर्फ 30 फ़ीसदी बची है।

जिले के व्‍यापारी बताते हैं कि आम दिनों में प्रतिदिन लगभग 5 टन चिकन की खपत होती थी जिसकी कीमत लगभग 900000 रुपये होती थी। अब यह बिक्री डेढ़ टन से भी कम हो गई। मांग घटने से कीमत पर भी असर पड़ा  है। एक सप्ताह पहले तक 180 रुपये किलो बिकने वाला चिकन अब मात्र 120 रुपये किलो में बिक रहा है। हालांकि कुछ इलाकों में 60 किलो तक भी मुर्गा बिक रहा है लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई।

होटलों में पहले की तरह बिक रहा चिकन

बर्ड फ्लू के कहर के बाद होटलों में चिकन की मांग पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। वहां पहले की तरह ही लोग चिकन खा रहे हैं।

मटन की बिक्री बढ़ी

चिकन की बिक्री घटने से मटन समेत अन्य मांस की मांग 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है। हालांकि, देशभर में अभी बर्ड फ्लू की चपेट में कोई इंसान नहीं आया है। चिकित्सकों ने कहा कि अगर कोई इंसान बर्ड फ्लू से ग्रसित मिला तो यह महामारी बन सकती है। इसलिए मांसाहार और अंडा खाने वाले लोग फिलहाल इनसे दूर ही रहें।