Bareilly: विद्युत कर्मचारी निजीकरण के विरोध में शुरू करेंगे यह अभियान, सरकार को दी चेतावनी

विद्युत विभाग में निजीकरण किए जाने का विरोध तेजी से चल रहा है। इसके लिए विद्युत कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से लेकर महात्मा गांधी की जयंती तक अनिश्चितकालीन आंदोलन और हड़ताल के लिए ज्ञापन दो अभियान चलाने का निर्णय लिया है। 26 सितंबर से शुरू हो रहे अभियान
 | 
Bareilly: विद्युत कर्मचारी निजीकरण के विरोध में शुरू करेंगे यह अभियान, सरकार को दी चेतावनी

विद्युत विभाग में निजीकरण किए जाने का विरोध तेजी से चल रहा है। इसके लिए विद्युत कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से लेकर महात्मा गांधी की जयंती तक अनिश्चितकालीन आंदोलन और हड़ताल के लिए ज्ञापन दो अभियान चलाने का निर्णय लिया है।Bareilly: विद्युत कर्मचारी निजीकरण के विरोध में शुरू करेंगे यह अभियान, सरकार को दी चेतावनी

26 सितंबर से शुरू हो रहे अभियान के अंतर्गत बिजली कर्मचारी व संघर्ष समिति के पदाधिकारी गौरव शुक्ला, गौरव शर्मा, संजय अग्रवाल, तारीख जलील, एनके मिश्रा, उमेश सोनकर, सत्यार्थ गंगवार, रविंद्र कुमार, मनोज सिंह और बी के बेतहाश पूरे प्रदेश में लोकसभा व राज्यसभा के सभी सांसदों, विधान सभा तथा विधान परिषद के सदस्यों व सरकार और प्रबंधन का ध्यान आने वाली महंगी बिजली की ओर आकर्षित करेंगे। इसी के साथ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि पूर्वांचल विद्युत निगम के विघटन व निजीकरण या कोई अन्य नोटिस दिए जाने पर अनिश्चितकालीन आंदोलन व पूर्ण हड़ताल शुरू हो जाएगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबन्धन व सरकार की होगी।
आज मुख्य अभियंता बरेली के कार्यालय पर सभा के दौरान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि ऊर्जा निगमों का शीर्ष प्रबन्धन पूरी तरह से विफल हो गया है। अपनी इस विफलता को छिपाने के लिए पूर्वांचल ठिद्युत वितरण निगम का निजीकरण किया जा रहा है। इससे कर्जा क्षेत्र में अनावश्यक टकराव पैदा किया जा रहा है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि ऊर्जा निगमों का प्रबंधन बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियन्ताओं को हड़ताल के रास्ते पर धकेल रहा है। वहीं प्रशासन ने समिति के 18 पदाधिकारियों को पत्र भेजा है कि विरोध सभाएं करने पर आवश्यक सेवा अधिनियम तहत 1 साल की सजा, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन अधिनियम के तहत 1 साल की सजा तथा पैनडेमिक एक्ट के तहत जुर्माना की सजा बिजली कर्मचारियों को दी जाएगी।Bareilly: विद्युत कर्मचारी निजीकरण के विरोध में शुरू करेंगे यह अभियान, सरकार को दी चेतावनी

संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों को कहना है कि 1993 में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र का निजीकरण व 2010 में आगरा की बिजली व्यवस्था टोरेन्ट फ्रेंचाइजी को दी गई थी, जो दोनों ही विफल प्रयोग रहे हैं। इससे कारपोरेशन को अरबों रुपए का घाटा हुआ है। विघटन और निजीकरण दोनों की ही विफलता पर सवाल खड़ा करते हुए संघर्ष समिति का कहना है कि जब वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद का विघटन किया गया था तब सालाना घाटा मात्र 11 करोड़ रूपये था। विघटन के बाद कुप्रबन्धन और सरकार की गलत नीतियों के चलते यह घाटा अब बढ़कर 95000 करोड़ से अधिक हो गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि इन्हीं विफल प्रयोगों को एक बार फिर पूर्वांचल विद्युत निगम में क्यों किया जा रहा है। विरोध सभा में पदाधिकारी रणजीत चौधरी, प्रभात सिंह, जयप्रकाश, सुहेल आबिद, राजेंद्र प्रसाद, डीके मिश्रा, दीपक चक्रवर्ती, आकांक्षा राज आदि मौजूद रहे।
http://www.narayan98.co.in/Bareilly: विद्युत कर्मचारी निजीकरण के विरोध में शुरू करेंगे यह अभियान, सरकार को दी चेतावनी

https://youtu.be/yEWmOfXJRX8