BAREILLY: लॉकडाउन में भी निजी स्‍कूल और पुस्‍तक विक्रेता अभिभावकों को कर रहे परेशान

बरेली: लॉकडाउन (Lockdown) में जहां एक और अभिभावकों (Parents) को कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर निजी स्कूल अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं (Private schools and booksellers) के आपसी फायदे के चलते अभिभावक मंहगी किताबें खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। मंगलवार को
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BAREILLY: लॉकडाउन में भी निजी स्‍कूल और पुस्‍तक विक्रेता अभिभावकों को कर रहे परेशान

बरेली: लॉकडाउन (Lockdown) में जहां एक और अभिभावकों (Parents) को कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर निजी स्कूल अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। निजी स्कूलों और पुस्‍तक विक्रेताओं (Private schools and booksellers) के आपसी फायदे के चलते अभिभावक मंहगी किताबें खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। मंगलवार को यूथ पवार (Youth Power) ने इस मुद्दे को उठाते हुए डीएम (DM) के नाम संबोधित ज्ञापन एसीएम द्वितीय को सौंपा। वहीं अध्यक्ष गौरव सक्सेना ने कहा कि ऑनलाइन क्लासों (Online classes) में बच्चों की कक्षा से संबंधित पढ़ाई नहीं हो रही है।
BAREILLY: लॉकडाउन में भी निजी स्‍कूल और पुस्‍तक विक्रेता अभिभावकों को कर रहे परेशानअध्यक्ष गौरव सक्सेना ने बताया कि स्कूल तीन माह की फीस (Fees) जमा कराने को लेकर अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं। इसके अलावा उनको किताबों का पूरा सेट खरीदने को मजबूर किया जा रहा है‌। जिसका पेमेंट (Payment) करने में अभिभावकों को परेशानी हो रही है। वहीं स्कूल शिक्षकों का वेतन (Salary) भी काट रहे हैं। इसके अलावा अन्य सदस्यों ने कहा कि गरीब अभिभावकों पर फीस का दबाव न बनाया जाए। साथ ही गरीब अभिभावकों को किताबों पर 40 प्रतिशत की छूट दी जाए तथा इस संकट की घड़ी में सभी अभिभावकों से लेट फीस (Late fees) वसूलनी बंद की जाए।

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