Bareilly: लॉकडाउन में प्रशासन ने प्रवासियों को खिलाए 66 लाख, शासन ने मांगा हिसाब

कोरोना वायरस महामारी (corona virus pandemic) के कारण लोगों में सारी व्यवस्था अस्त-व्यस्त कर दी थीं। लॉकडाउन (lockdown) में दूसरे राज्यों व शहरों में रह रहे प्रवासियों ने अपने पैतृक शहरों की तरफ पलायन करना शुरू कर दिया। इस समय देश के विभाजन के बाद का सबसे बड़ा पलायन देखा गया। पूरा यातायात बंद होने
 | 
Bareilly: लॉकडाउन में प्रशासन ने प्रवासियों को खिलाए 66 लाख, शासन ने मांगा हिसाब

कोरोना वायरस महामारी (corona virus pandemic) के कारण लोगों में सारी व्यवस्था अस्त-व्यस्त कर दी थीं। लॉकडाउन (lockdown) में दूसरे राज्यों व शहरों में रह रहे प्रवासियों ने अपने पैतृक शहरों की तरफ पलायन करना शुरू कर दिया। इस समय देश के विभाजन के बाद का सबसे बड़ा पलायन देखा गया। पूरा यातायात बंद होने के कारण प्रवासियों ने पैदल व साइकिल (cycle) से ही यात्रा शुरू कर दी। इसे देखकर प्रशासन ने उनके खाने की व्यवस्था में सभी तहसीलों में रसोईया सजवा दीं।
Bareilly: लॉकडाउन में प्रशासन ने प्रवासियों को खिलाए 66 लाख, शासन ने मांगा हिसाब
बता दें कि प्रशासन ने प्रवासियों (migrants) के खाने-पीने पर लगभग 66 लाख रुपए खर्च किए हैं। अब शासन ने इसका पूरा ब्यौरा तलब किया है। अब शासन के मांगने पर जिला प्रशासन ने पूरी रिपोर्ट भेजी है। बरेली प्रशासन ने बताया कि पांचों तहसीलों (नवाबगंज, मीरगंज, फरीदपुर, आंवला और बहेड़ी) में सरकारी रसोई बनाई गई थीं। बसों से जिन्हें भेजा गया, उन प्रवासियों को राशन किट (Ration kit) दी गई थी।

प्रशासन ने अपने लेखा-जोखा में बताया कि पहली अप्रैल से जून के मध्य तक शासकीय खर्च से 199159 रुपये की पूड़ी, सब्जी और तहरी खिलाई थी। करीब 35097 हजार रुपये का जनसहयोग भी मिला। 5006 पैकेट कच्चा राशन वितरित किया गया। जबकि जनसहयोग से 1613 पैकेट प्रवासियों के बीच बांटे गए।
                          http://www.narayan98.co.in/
Bareilly: लॉकडाउन में प्रशासन ने प्रवासियों को खिलाए 66 लाख, शासन ने मांगा हिसाब                        https://youtu.be/yEWmOfXJRX8